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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित अखाड़ाघाट आरोग्य मंदिर अपनी अनोखी और वैदिक चिकित्सा पद्धति के लिए चर्चित होता जा रहा है। यहां पर गुरुवार को निशुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है, जहां बिना किसी एलोपैथिक दवा के, सिर्फ प्राकृतिक उपचार विधियों से मरीजों की गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है।

इस आरोग्य केंद्र की विशेषता यह है कि यहाँ इलाज न्यूरोथेरेपी तकनीक से किया जाता है। इस प्रक्रिया में दवाइयों के स्थान पर शरीर की नसों और पाचन प्रणाली पर विशेष ध्यान देते हुए इलाज किया जाता है। विपिन कुमार पाठक द्वारा स्थापित इस केंद्र का उद्देश्य है – बिना रासायनिक दवाओं के लोगों को आरोग्य प्रदान करना।

किन बीमारियों का होता है इलाज?

आरोग्य मंदिर में जिन बीमारियों का उपचार होता है, उनमें अस्थमा, कब्ज, मधुमेह, अल्सर, कोलाइटिस, एसिडिटी, थायरॉयड, मोटापा, एलर्जी, उच्च रक्तचाप, एक्जिमा, जोड़ों का दर्द, अनिद्रा और त्वचा रोग शामिल हैं। देश के कोने-कोने से लोग यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं।

क्या कहते हैं उपचारक?

विपिन कुमार पाठक के अनुसार, "हमारा मुख्य फोकस पाचन तंत्र को दुरुस्त करना होता है। जब पाचन ठीक होता है, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और अधिकांश बीमारियां स्वतः ठीक होने लगती हैं। लोग गलत खानपान और प्रदूषण की वजह से बीमार होते हैं, लेकिन शरीर की मूल ऊर्जा को संतुलित करके बिना दवा के ही उन्हें स्वस्थ किया जा सकता है।"

हर गुरुवार को आरोग्य मंदिर में सैकड़ों लोग पहुंचते हैं, जिन्हें मुफ्त में इलाज मुहैया कराया जाता है। यह स्थान अब वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक मिसाल बनता जा रहा है।

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