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Up Kiran, Digital Desk: साल भर हम सभी को मां दुर्गा के नौ दिनों का बेसब्री से इंतज़ार रहता है. शारदीय नवरात्रि का समय आते ही त्योहारों का माहौल बन जाता है. हवा में एक अलग ही ऊर्जा महसूस होती है. लेकिन, हर बार की तरह इस साल भी बहुत से लोगों के मन में नवरात्रि शुरू होने की तारीख को लेकर थोड़ी उलझन है. आखिर नवरात्रि 21 सितंबर से शुरू हो रही है या 22 सितंबर से?

पंचांग के अनुसार तिथियों के घटने-बढ़ने के कारण अक्सर ऐसी स्थिति बन जाती है. इस साल प्रतिपदा तिथि को लेकर कुछ मतभेद हैं, लेकिन ज़्यादातर ज्योतिषियों के अनुसार, उदया तिथि के मान से नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर, सोमवार से ही मानी जाएगी. यानी, कलश स्थापना या घटस्थापना इसी दिन करना सबसे शुभ रहेगा.

कलश स्थापना का क्या है महत्व और सही समय?

नवरात्रि का पहला दिन सबसे खास होता है क्योंकि इसी दिन हम कलश स्थापना करके मां दुर्गा का अपने घर में आह्वान करते हैं. कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है, जिन्हें किसी भी शुभ काम से पहले पूजा जाता है ताकि हमारे सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे हों.

इस साल 22 सितंबर को कलश स्थापना के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का ही माना जा रहा है. आप किसी विद्वान पंडित से शुभ मुहूर्त के बारे में पूछकर सही समय पर घटस्थापना कर सकते हैं.

पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि का पहला दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप, यानी मां शैलपुत्री को समर्पित होता है. शैलपुत्री का अर्थ है 'पर्वत की बेटी'. मां का यह स्वरूप बहुत शांत और सरल है. इस दिन भक्त मां शैलपुत्री की पूजा करके अपने जीवन में सुख और शांति की कामना करते हैं.

नवरात्रि सिर्फ उपवास रखने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह आत्म-अनुशासन, भक्ति और अपनी भीतर की शक्ति को जगाने का समय है. यह मौका है मां दुर्गा से जुड़ने का और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को बेहतर बनाने का.