
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हाल ही में मॉस्को की यात्रा के दौरान पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि पार्टी उनके विचारों को कैसे लेती है। थरूर ने स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि कांग्रेस खुद तय करे कि उसे क्या दिशा लेनी है।
यह बयान तब आया जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने थरूर की कुछ टिप्पणियों को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से असहमति जताई थी। इसके बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि क्या थरूर पार्टी लाइन से हटकर चल रहे हैं या कोई और संकेत दे रहे हैं।
थरूर ने यह भी कहा कि कांग्रेस में अगर कोई व्यक्ति खुले तौर पर बात करता है, तो उसे गलत न समझा जाए। लोकतांत्रिक पार्टी में विविध विचारों का स्वागत होना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके लिए राष्ट्रहित और सच्चाई की बात करना प्राथमिकता है, न कि सिर्फ पार्टी की लाइन को दोहराना।
उनकी यह स्पष्टता बताती है कि वह अपनी भूमिका को लेकर अब और स्पष्ट और स्वतंत्र सोच के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। पार्टी में विचारधारात्मक मतभेद होना आम बात है, लेकिन नेतृत्व को तय करना होगा कि वे कैसे दिशा देना चाहते हैं।
इस घटनाक्रम को लेकर अब कांग्रेस के भीतर हलचल है और सभी की निगाहें पार्टी की अगली प्रतिक्रिया पर हैं।
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