Up Kiran, Digital Desk: बांग्लादेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ किए गए संगीन अपराधों के लिए फांसी की सज़ा सुनाई गई है। यह फैसला बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने एक लंबी सुनवाई के बाद सुनाया। अदालत ने उन्हें इन जघन्य अपराधों का दोषी माना है।
सबसे बड़ी बात यह है कि जब यह फैसला आया तब शेख हसीना अदालत में मौजूद नहीं थीं। वह देश छोड़कर जाने के बाद से ही भारत में रह रही हैं। यह पूरा मामला पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों से जुड़ा है।
पूर्व गृह मंत्री को भी मौत की सज़ा
इस मामले में सिर्फ शेख हसीना ही अकेली नहीं हैं। बांग्लादेश के विशेष न्यायाधिकरण ने पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल को भी मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए मौत की सज़ा सुनाई है।
इन फैसलों के बाद पूरे बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी है। देश में चारों तरफ़ तनाव का माहौल है। ऐसे में वर्तमान यूनुस सरकार पूरी तरह से अलर्ट पर है और हालात पर करीबी नज़र रख रही है।
कैसे गिरी थी हसीना की सरकार?
याद दिला दें कि जुलाई 2024 में बांग्लादेश गंभीर आर्थिक तंगी भ्रष्टाचार और रोजगार संकट से जूझ रहा था। इसी के चलते छात्रों ने एक विशाल आंदोलन शुरू कर दिया था जिसने शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका। 5 अगस्त को वह भारत चली गईं और इसके बाद बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1400 लोगों की मौत हुई थी।




