img

Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा एक बार फिर अपने प्रदर्शन को लेकर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार चर्चा तारीफ से ज़्यादा आलोचना की है। जहां मैनचेस्टर टेस्ट में उनकी बल्लेबाज़ी ने भारत को हार से बचाकर ऐतिहासिक ड्रॉ दिलाया, वहीं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने उनके विदेशी जमीन पर मैच जीताने की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जडेजा ने इंग्लैंड दौरे पर अब तक बल्ले से 450 से ज्यादा रन बनाए हैं और गेंद से भी सात विकेट चटकाए हैं। मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद 107 रन की अहम पारी खेली और वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर इंग्लैंड को जीत से दूर रखा। मैच के आखिरी दिन उन्होंने विषम परिस्थितियों में इंग्लैंड के गेंदबाज़ों का डटकर सामना किया, जिससे भारत को हार की कगार से वापस लाया गया। इसके बावजूद, सिद्धू का मानना है कि जडेजा का योगदान निर्णायक नहीं होता — खासकर तब जब बात टेस्ट मैच जीतने की हो।

अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए सिद्धू ने कहा कि उन्होंने जडेजा की खूब प्रशंसा की है, लेकिन उनका मानना है कि जडेजा अभी तक विदेशी ज़मीन पर वह प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं जो किसी मैच विनर से अपेक्षित होता है। उन्होंने कपिल देव का उदाहरण देते हुए कहा कि वे न केवल ऑलराउंडर थे, बल्कि विदेशों में भारत को टेस्ट मैच जिताने वाले खिलाड़ी भी रहे।

सिर्फ मैनचेस्टर ही नहीं, लॉर्ड्स टेस्ट में भी जडेजा ने मुश्किल हालात में नाबाद 61 रन बनाकर संघर्ष किया था। हालांकि, उस मुकाबले में भारत 22 रन से हार गया था, और इसके बाद उनके प्रदर्शन पर चर्चा तेज हो गई थी। कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी रणनीति को लेकर नाराज़गी जताई थी। रवि शास्त्री ने यहां तक कहा कि अगर जडेजा में बेन स्टोक्स जैसा आत्मविश्वास होता तो वे और भी मैच भारत को जिता सकते थे। वहीं मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा था कि जडेजा को उस मुकाबले में और आक्रामक रुख अपनाना चाहिए था।

--Advertisement--