
Up Kiran, Digital Desk: आज का ज़माना है 'YOLO' यानी 'You Only Live Once' का। लोग आज में जीने और खुलकर ख़र्च करने पर यक़ीन रखते हैं। ऊपर से सोशल मीडिया का असर ऐसा है कि कुछ भी देखते ही ख़रीदने का मन कर जाता है। एक स्टडी के मुताबिक, 71% लोग सोशल मीडिया पर कुछ देखने के बाद उसे ख़रीदने के लिए प्रभावित होते हैं।
हर तरफ़ कुछ न कुछ ख़रीदने के लिए मौजूद है। लेकिन अगर बिना सोचे-समझे शॉपिंग की जाए, तो यह आपकी आर्थिक सेहत पर भारी पड़ सकती है। चलिए, आज हम बात करते हैं कि कैसे एक शॉपिंग बजट बनाया जाए और उस पर टिका जाए।
1. सबसे पहले, अपनी कमाई का हिसाब लगाएँ
यह जानने के लिए कि आप आराम से कितना ख़र्च कर सकते हैं, आपको यह पता होना चाहिए कि आपके पास पैसा आ कितना रहा है। अपनी इनकम यानी 'टेक-होम' सैलरी का आकलन करें। यह वह पैसा है जो सारे टैक्स कटने के बाद आपके बैंक खाते में आता है। अगर आप फ्रीलांसिंग करते हैं, तो हर हफ़्ते या महीने में आने वाले पैसों का हिसाब रखें, ताकि आपको अंदाज़ा रहे कि अगले महीने आपके पास लगभग कितना पैसा आएगा।
2. अपने ख़र्चों पर नज़र रखें और उन्हें बाँटें
अब आपको यह पता लगाना है कि आपका पैसा जा कहाँ रहा है, ताकि आप ग़लतियों को पहचानकर उन्हें सुधार सकें। अपने ख़र्चों को ट्रैक करने के कुछ तरीक़े यहाँ दिए गए हैं:
पिछले महीने के अपने बैंक स्टेटमेंट, क्रेडिट कार्ड बिल और UPI ट्रांज़ैक्शन डाउनलोड करें।
फिर अपने सभी ख़र्चों का एक रिकॉर्ड बनाएँ।
आप Moneyview, Monefy जैसे बजटिंग ऐप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
सबसे आसान तरीक़ा: आजकल हमारे ज़्यादातर ट्रांज़ैक्शन GPay और PhonePe जैसे UPI ऐप से होते हैं। आप इन ऐप्स का इस्तेमाल करके भी अपने महीने भर के ख़र्च को ट्रैक कर सकते हैं और देख सकते हैं कि आपका पैसा कहाँ जा रहा है।
इससे आपको पता चलेगा कि आप ज़रूरी चीज़ों पर कितना ख़र्च करते हैं (जैसे- किराया, बिजली, खाना) और शौकिया चीज़ों पर कितना (जैसे- कपड़े, बाहर घूमना, मूवी देखना)। अपने ख़र्चों की आदत का विश्लेषण करें - क्या आप बाहर खाने पर बहुत ज़्यादा ख़र्च कर रहे हैं, या आप अपनी कमाई से ज़्यादा ख़र्च कर रहे हैं?
3. अब बनाएँ अपना शॉपिंग बजट
अब आप जानते हैं कि आप कितना कमाते हैं और आमतौर पर कितना ख़र्च करते हैं। तो, अब बजट बनाने का समय आ गया है।
अपनी ज़रूरी ख़र्चों की लिस्ट बनाएँ: किराया, आने-जाने का ख़र्च, खाना और किराने का सामान, वाईफ़ाई, पानी और बिजली के बिल। ये "ज़रूरतें" हैं, जिनके बिना आपका काम नहीं चल सकता।
अपनी जरूरतों पर होने वाले ख़र्च की गणना करें: आदर्श रूप से, यह आपकी कमाई का 50% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
अब अपने शौकों की लिस्ट बनाएँ: कपड़े, स्किनकेयर, जिम, मनोरंजन, घूमना आदि। अपने शौकों के लिए एक सीमा तय करें और सुनिश्चित करें कि आप इस कैटेगरी में ज़्यादा ख़र्च न करें।
अपनी कमाई का एक निश्चित हिस्सा अपनी बचत (Savings) के लिए अलग रखें: आप तय कर सकते हैं कि इसे कहाँ निवेश करना है - म्यूचुअल फ़ंड, सोना, प्रॉपर्टी आदि।
जब आपके पास यह साफ़ हो जाए कि आप अपनी ज़रूरतों और शौकों पर कितना ख़र्च कर सकते हैं, तो आप एक शॉपिंग लिस्ट बना सकते हैं। दो कॉलम बनाएँ: एक "ज़रूरतों" के लिए और एक "शौकों" के लिए। और यह पक्का करें कि आप अपने बजट पर टिके रहें।
एक ख़ास टिप: अगर आप कोई चीज़ ख़रीदना चाहते हैं और आपका बजट थोड़ा कम पड़ रहा है, तो आप हमेशा कूपन का सहारा ले सकते हैं। उन चीज़ों पर डील खोजने की कोशिश करें जो आप ख़रीदना चाहते हैं, ताकि आपको वह चीज़ सस्ते में मिल सके।
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