Up Kiran, Digital Desk: इंग्लैंड की सरज़मीं पर खेले जा रहे टेस्ट सीरीज में भारतीय युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल का बल्ला इस समय रनों की बारिश कर रहा है। जहां एक ओर टीम इंडिया सीरीज में पिछड़ती नज़र आ रही है, वहीं गिल ने व्यक्तिगत स्तर पर ऐसा प्रदर्शन किया है जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो सकता है। चौथा टेस्ट न सिर्फ टीम के लिए निर्णायक होगा, बल्कि गिल के लिए एक बड़ी उपलब्धि का सुनहरा मौका भी।
अब तक खेले गए तीन मैचों में गिल ने बेहतरीन फॉर्म का प्रदर्शन करते हुए कुल 607 रन बना लिए हैं। इस दौरान उन्होंने तीन शतक जड़े, जिनमें लॉर्ड्स में खेली गई 269 रनों की शानदार पारी उनकी टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी बन गई है। चौथे टेस्ट में अगर वह महज़ 25 रन और बना लेते हैं, तो वे इंग्लैंड में किसी एक द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज़ में सर्वाधिक रन बनाने वाले एशियाई बल्लेबाज़ बन जाएंगे।
इस रिकॉर्ड पर वर्तमान में पाकिस्तान के दिग्गज मोहम्मद यूसुफ का कब्जा है, जिन्होंने साल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट में 90.14 की औसत से 631 रन बनाए थे। उस सीरीज़ में यूसुफ ने 202 रन की शानदार पारी भी खेली थी। अब शुभमन गिल उनके ठीक पीछे दूसरे स्थान पर हैं और इतिहास रचने से एक छोटी सी दूरी पर खड़े हैं।
तीसरे नंबर पर भारत के पूर्व दीवार कहे जाने वाले बल्लेबाज राहुल द्रविड़ का नाम आता है, जिन्होंने 2002 में इंग्लैंड में तीन टेस्ट मैचों में 602 रन बनाए थे। वहीं विराट कोहली ने 2018 में पांच टेस्ट की सीरीज में 593 रन अपने नाम किए थे। 1979 में सुनील गावस्कर ने चार मुकाबलों में 542 रन बनाए थे जबकि पाकिस्तान के सलीम मलिक ने 1992 में 488 रन ठोके थे।
गिल ने लॉर्ड्स टेस्ट में दो मैचों के भीतर ही 485 रन बना डाले थे और अपनी क्लास को साबित कर दिया था। हालांकि तीसरे टेस्ट में वह उस लय को कायम नहीं रख सके। दोनों पारियों में वह अपेक्षा के अनुरूप रन नहीं बना सके। खास तौर पर दूसरी पारी में उन्हें नई, तेज़ और सख्त गेंदों का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें रन बनाने में मुश्किलें आईं। इससे पहले सीरीज के शुरुआती मुकाबलों में वे अपेक्षाकृत नरम और पुरानी गेंदों के खिलाफ बैटिंग की शुरुआत कर रहे थे, जो बल्लेबाज़ के लिए अधिक अनुकूल परिस्थितियां होती हैं।
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