img

पाक में इन दिनों हालात बहुत खराब हो गए हैं। बीते कई हफ्तों में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने आतंक और हिंसा की जो आंधी चलायी है, वह पाकिस्तान की सेना और सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुकी है। बीएलए ने पिछले सात दिनों में दो बड़े हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें 300 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा विद्रोही गुटों के हमले की आशंका भी गहराती जा रही है।

बीएलए की निरंतर हमलावर रणनीति

बीएलए ने अपनी रणनीति को और तेज करते हुए हाल ही में दो बड़े हमले किए। पहले हमले में बीएलए ने एक ट्रेन हाइजैक की और बलोन घाटी की टनल नंबर 8 में ट्रेन को विस्फोटकों से उड़ा दिया। हमले में 214 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया, जबकि पाकिस्तान सेना ने इसे नाकाम बताने का प्रयास किया, मगर कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर सकी। इसके बाद लिबरेशन आर्मी ने एक और बड़ा हमला करते हुए पाकिस्तान सेना की बस को निशाना बनाया। बारूद से भरी एक कार ने सेना के काफिले को टक्कर मारी, जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ। इस हमले में 90 सैनिकों के मारे जाने का दावा बीएलए ने किया, हालांकि पाकिस्तान सेना ने सिर्फ 5 सैनिकों की मौत की पुष्टि की।

पाकिस्तान की सेना की बेबसी और आतंक का बढ़ता खतरा

पाकिस्तान की फौज इन हमलों को रोकने में पूरी तरह से बेबस नजर आ रही है। बीएलए के निरंतर हमले और उनकी बढ़ती ताकत ने पाकिस्तान को एक नई सुरक्षा चुनौती दे दी है। हालात यह हैं कि पाकिस्तान के बड़े शहरों जैसे क्वेटा, कराची और इस्लामाबाद में भी विद्रोही लड़ाकों के हमले की आशंका जताई जा रही है।

किसी भी देश के लिए इस प्रकार के हमले, जिसमें जवानों की बड़ी संख्या मारी जाती हो बहुत गंभीर स्थिति को दर्शाते हैं। बीएलए के द्वारा किए गए हमलों में पाकिस्तान सेना के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए भी खतरा बढ़ता जा रहा है।

पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल

पाकिस्तान के पीपुल्स पार्टी के नेता पलुशा खान ने इन घटनाओं को लेकर गहरी चिंता जताई है। संसद में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मामले में दूसरे स्थान पर है और देश के नेताओं को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उनका कहना था कि जिस दिन ये लड़ाके पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में भी आ गए, उस दिन हमारी दुआ के लिए कौन बच पाएगा?