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Up kiran,Digital Desk : अगर आपको लगता है कि सुबह की भागदौड़ में नाश्ता छोड़ देना (Skipping Breakfast) एक अच्छा आइडिया है, तो आप अपनी सेहत के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो सिर्फ दवाइयों से नहीं, बल्कि आपके रहन-सहन और थाली में परोसे गए खाने से कंट्रोल होती है।अक्सर हम शुगर लेवल चेक तो करते हैं, लेकिन HbA1c टेस्ट को इग्नोर कर देते हैं। जबकि यही वो टेस्ट है जो पिछले 3 महीनों की सच्चाई बताता है।

HbA1c: आपके शरीर का ‘रिपोर्ट कार्ड’

  • 6% के ऊपर: आप डायबिटीज की दहलीज पर हैं।
  • 7% के ऊपर: मामला हाथ से निकल रहा है।
  • 8% से ज्यादा: खतरे की घंटी बज चुकी है।
  • 10% के पार: इसका मतलब है कि बढ़ा हुआ शुगर अब आपके अंगों (किडनी, आंखें, हार्ट) को नुकसान पहुंचा सकता है।

चेन्नई के जाने-माने डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. मोहन का कहना है कि अगर रिपोर्ट 8% के आसपास या उससे ऊपर है, तो घबराने के बजाय आज ही अपनी आदतों में ये 4 बदलाव करें:

1. चावल और रोटी पर थोड़ा 'ब्रेक' लगाएं
हम भारतीयों की थाली बिना रोटी या चावल के अधूरी है। लेकिन सच्चाई यह है कि यही 'सफ़ेद चावल' और 'गेहूं की रोटी' शुगर स्पाइक (तेजी से बढ़ाना) का बड़ा कारण हैं। अगर आपकी HbA1c हाई है, तो आपको कार्ब्स कंट्रोल करना ही होगा।
क्या करें: चावल-रोटी बंद मत करें, लेकिन मात्रा कम कर दें। उसकी जगह सब्जी और दाल की मात्रा बढ़ा दें।

2. नाश्ता स्किप करना मतलब मुसीबत को दावत
बहुत से लोग शुगर कंट्रोल करने के चक्कर में सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं। यह बहुत बड़ी गलती है। खाली पेट रहने से बाद में शुगर लेवल और तेजी से बढ़ता है।

नाश्ते में क्या खाएं?

  • ज्वार-बाजरे की रोटी या चीला।
  • मूंग दाल का चीला या बेसन का चीला।
  • ढेर सारी सब्जियों वाला पोहा या ओट्स उपमा।
  • उबले अंडे।
    मैदे वाली ब्रेड या मीठे बिस्कुट और चाय से दिन की शुरुआत न करें।

3. 'फाइबर' को बनाएं अपना बेस्ट फ्रेंड
फाइबर यानी वो भोजन जो पचने में समय लेता है। यह आपके पेट में जाकर एक तरह का 'स्पीड ब्रेकर' बन जाता है, जिससे शुगर एकदम से खून में नहीं घुलती।
 

क्या शामिल करें?

अपनी डाइट में चिया सीड्स, अलसी, साबुत अनाज, छिलके वाली दालें, पालक, ब्रोकली जैसी चीजें शामिल करें। फलों में सेब, अमरूद और नाशपाती बेस्ट हैं। यह न सिर्फ शुगर कंट्रोल करेगा, बल्कि बार-बार भूख लगने की समस्या भी कम होगी।

4. खाने के बीच का 'गैप' सही करें

डायबिटीज में टाइमिंग का खेल बहुत अहम है। न तो बहुत देर तक भूखे रहें और न ही एक बार में ठूंसकर खाएं। हर 3 से 4 घंटे में कुछ न कुछ हल्का और हेल्दी खाते रहें (जैसे - थोड़े नट्स, भुने चने, सलाद या छाछ)। सही समय पर खाने से बॉडी का इंसुलिन सिस्टम बेहतर तरीके से काम करता है।

तो दोस्तों, सिर्फ रिपोर्ट देखकर डरें नहीं, बल्कि आज से ही अपनी किचन और आदतों में ये छोटे-छोटे सुधार करें। नतीजा आपको अगली रिपोर्ट में जरूर दिखेगा।