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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और ड्रीम 11 के बीच चल रहा करार अब समाप्त हो चुका है, और अब बोर्ड की नजरें नए स्पॉन्सर पर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आगामी एशिया कप में टीम इंडिया बिना किसी स्पॉन्सर के मैदान में उतर सकती है। हालांकि, बीसीसीआई ने इस स्थिति से निपटने के लिए एक अहम कदम उठाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए स्पॉन्सरशिप का बेस प्राइस बढ़ा दिया है।
नए स्पॉन्सरशिप पैकेज में बदलाव
अब जो भी कंपनी भारतीय क्रिकेट टीम को स्पॉन्सर करेगी, उसे बाइलेट्रल सीरीज के प्रत्येक मैच के लिए 3.5 करोड़ रुपये चुकाने होंगे। वहीं, आईसीसी टूर्नामेंट्स और एशिया कप के मुकाबलों के लिए यह राशि 1.5 करोड़ रुपये तय की गई है। इस फैसले के बाद, बीसीसीआई का मानना है कि इसे अधिक राजस्व मिलेगा, क्योंकि इसमें दोनों तरह के मैचों के लिए राशि बढ़ा दी गई है।
ड्रीम 11 के साथ करार और बढ़े हुए शुल्क
बीसीसीआई और ड्रीम 11 के बीच करार 2026 तक था, जिसमें ड्रीम 11 को बाइलेट्रल मैचों के लिए 3.17 करोड़ रुपये और टूर्नामेंट मैचों के लिए 1.12 करोड़ रुपये का भुगतान करना होता था। लेकिन अब बीसीसीआई ने इन राशि में 30 से 40 लाख रुपये की वृद्धि की है। यह राशि मार्केट रेट्स से अधिक मानी जा रही है। एक अहम कारण यह भी है कि बाइलेट्रल मैचों में स्पॉन्सर का नाम खिलाड़ियों की जर्सी के चेस्ट एरिया पर दिखाई देता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स और एशिया कप में यह नाम केवल स्लीव्स पर दिख सकता है।
400 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की संभावना
बीसीसीआई का यह नया कदम उसे अगले तीन सालों में 400 करोड़ रुपये से भी अधिक की कमाई दिला सकता है। बोर्ड अगले तीन सालों में कुल 130 मैचों के आयोजन की योजना बना रहा है, जिनमें 2026 टी20 वर्ल्ड कप और 2027 वनडे वर्ल्ड कप भी शामिल हैं। इन 130 मैचों के दौरान बीसीसीआई को 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की स्पॉन्सरशिप से आमदनी होने का अनुमान है।
नया स्पॉन्सर कब मिलेगा?
बीसीसीआई ने स्पॉन्सरशिप की बोली 16 सितंबर से शुरू करने का ऐलान किया है। इसका मतलब यह है कि 9 सितंबर से शुरू होने वाला एशिया कप टीम इंडिया के लिए बिना किसी स्पॉन्सर के होगा। बीसीसीआई ने हाल ही में कंपनियों से स्पॉन्सरशिप के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। हालांकि, इसमें गेमिंग, बैटिंग, क्रिप्टो और तंबाकू कंपनियों को आवेदन करने से स्पष्ट रूप से मना किया गया है। इसके अलावा, स्पोर्ट्सवियर ब्रांड, इंश्योरेंस कंपनियां और बैंकिंग-फाइनेंस कंपनियां भी इस प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकतीं।
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