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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की संभावित वापसी और उनके टैरिफ नीतियों को लेकर दुनिया भर के बाजारों में चिंता का माहौल है। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहेगा। अगर ट्रंप फिर से सत्ता में आते हैं और आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाते हैं, तो इसका सीधा असर भारत जैसे उभरते बाजारों पर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ा सकती है, जिससे विदेशी निवेशकों का रुझान प्रभावित हो सकता है। इससे भारतीय शेयर बाजार—विशेषकर सेंसेक्स और निफ्टी—में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।

ग्लोबल मार्केट में अमेरिका की नीतियों का बड़ा असर होता है। यदि ट्रंप प्रशासन चीन, भारत या अन्य देशों से आयात होने वाले उत्पादों पर भारी शुल्क लगाता है, तो भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो सकता है। इससे मैन्युफैक्चरिंग और आईटी जैसे सेक्टर्स में गिरावट दर्ज की जा सकती है।

शेयर बाजार विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। ट्रंप की बयानबाजी और नीतिगत रुख आने वाले हफ्तों में बाजार की दिशा तय कर सकते हैं। यदि ट्रंप का रुख कठोर रहा, तो बाजार में अस्थिरता देखी जा सकती है।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसे एक अवसर भी मान रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसी स्थितियों में लॉन्ग टर्म निवेशकों को मजबूत कंपनियों में खरीदारी का मौका मिलेगा।

अगले कुछ महीने बाजार के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं। इसलिए निवेशकों को ग्लोबल घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए रखनी चाहिए।

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