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Up Kiran, Digital Desk: बरेली में बीते दिनों हुए उपद्रव के बाद अब शहर की सड़कों पर रफ्तार लौट रही है। लोग अपने रोजमर्रा के कामों में लग चुके हैं और बाजारों में हलचल नजर आने लगी है। जुमे की नमाज़ के बाद हुई पत्थरबाज़ी के चलते तनाव का माहौल था, लेकिन अब प्रशासन की कोशिशों से स्थिति काबू में है। आम नागरिकों के लिए ये राहत की बात है।
विपक्ष का दौरा टला, नेता को घर पर ही रोका गया
उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय की अगुवाई में समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को बरेली का दौरा करने वाला था। लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने उन्हें लखनऊ स्थित आवास से बाहर निकलने नहीं दिया। उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
मीडिया से बातचीत में माता प्रसाद ने आरोप लगाया कि बरेली में कोई सांप्रदायिक टकराव नहीं था, बल्कि पुलिस की गलत रणनीति ने हालात बिगाड़े। उन्होंने कहा कि प्रशासन पारदर्शिता से जवाब नहीं दे रहा है।
सपा सांसद को नजरबंद किया गया
संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को भी इस घटनाक्रम के बाद घर में नजरबंद कर दिया गया है। पुलिस ने उनके आवास के बाहर दो थानों की फोर्स तैनात कर रखी है। नखासा और रायसत्ती थाने की टीम मौके पर मौजूद है और पूरी सतर्कता के साथ निगरानी की जा रही है।
आई लव मोहम्मद विवाद बना हिंसा की वजह
26 सितंबर को बरेली में उस समय बवाल मच गया, जब "आई लव मोहम्मद" स्लोगन से जुड़ी भावनाएं भड़क गईं। जुमे की नमाज़ के बाद एक बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन के लिए जमा हुए। पुलिस ने जैसे ही उन्हें रोकने की कोशिश की, भीड़ उग्र हो गई और पथराव शुरू हो गया।
इसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस का कहना है कि ये कार्रवाई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जरूरी थी।