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success story: फूड स्टार्टअप मोमोमिया के संस्थापक देबाशीष मजूमदार की प्रेरक कहानी अब सामने आई है। 1800 रुपये मासिक वेतन से अपने करियर की शुरुआत करने वाले देबाशीष को अपनी मेहनत से कुछ ही सालों में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी मिल गई. बाद में बिजनेस में किस्मत आजमाई मगर सफलता नहीं मिली और कर्ज में डूब गए। मगर, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. नौकरी छोड़ मोमोज बेचना शुरू किया. कभी उन पर 8 लाख का कर्ज था और अब वह महीने में 2 करोड़ से ज्यादा कमाते हैं। मोमोमिया आज पूरे देश में फैल चुका है। देश भर में 100 से अधिक आउटलेट हैं।

बंगाली परिवार में जन्मे देबाशीष की हालत अपने पहले उद्यम की असफलता के बाद इतनी खराब हो गई कि उनके पास अपनी पत्नी के लिए जूते खरीदने के लिए 200 रुपये भी नहीं थे। मगर, देबाशीष ने हार नहीं मानी. वे ऐसे व्यवसाय की तलाश में रहते थे जिससे अच्छी आय हो और व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता न हो।

एक्सिस बैंक में काम करते हुए देबाशीष ने आइसक्रीम की दुकान शुरू की। ये बिजनेस फेल हो गया और उन्हें करीब आठ लाख रुपये का नुकसान हुआ. इस झटके के बावजूद उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी और अपना खुद का सफल व्यवसाय शुरू करने का सपना देखते रहे। उन्होंने एक बैंक में अपनी नौकरी छोड़ दी और 2018 में केवल तीन कर्मचारियों और 3.5 लाख रुपये के निवेश के साथ मोमोमिया की शुरुआत की।

आइसक्रीम स्टार्टअप विफल होने के बाद देबाशीष की स्थिति और भी खराब हो गई। एक बार उनके पास अपनी पत्नी के लिए नए जूते खरीदने के लिए 200 रुपये भी नहीं थे. आर्थिक तंगी के कारण मां की सर्जरी नहीं हो सकी. इन सबके बावजूद उन्होंने उद्यमी बनने का अपना सपना नहीं छोड़ा।

देबाशीष मजूमदार गुवाहाटी के एक रेस्टोरेंट में गए थे. वहां उन्होंने मोमोज का ऑर्डर दिया. उन्हें रेस्टोरेंट में परोसे गए मोमोज की क्वालिटी और स्वाद दोनों ही पसंद नहीं आया. तभी उनके मन में मोमोज आउटलेट शुरू करने का विचार आया. मोमोज़ की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, उन्हें यकीन था कि अगर वे अच्छी गुणवत्ता के साथ टेस्टी मोमोज़ पेश करेंगे, तो उनकी भारी बिक्री होगी।

2018 में देबाशीष ने गुवाहाटी में मोमोमिया का पहला आउटलेट खोला। आज देशभर में मोमोमिया के 100 से ज्यादा आउटलेट हैं। देबाशीष ने मोमोमिया की फ्रेंचाइजी ली। मोमोमिया आउटलेट्स पर विभिन्न प्रकार के मोमोज उपलब्ध हैं। आज मोमोमिया कंपनी का सालाना टर्नओवर 25 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वे अब 400 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

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