
Up Kiran, Digital Desk: अगर आप कार चलाने का शौक रखते हैं या जल्द ही कोई नई गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला देगी। जापान की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी सुजुकी (जो भारत में मारुति सुजुकी की पेरेंट कंपनी है) ने एक ऐसा ऐलान किया है जो भारत के ऑटोमोबाइल बाजार की तस्वीर बदलने वाला है।
सुजुकी के ग्लोबल प्रेसिडेंट, तोशिहिरो सुजुकी ने खुद यह घोषणा की है कि उनकी कंपनी अगले 5 से 6 सालों में भारत में 70,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश करने जा रही है।
चलिए, इसे आसान भाषा में समझते हैं कि इसका मतलब क्या है।
यह कोई छोटी-मोटी रकम नहीं है। यह सुजुकी का भारत पर अब तक का सबसे बड़ा भरोसा और सबसे बड़ा दांव है। इस पैसे का इस्तेमाल भारत को दुनिया का एक बड़ा ऑटोमोबाइल हब बनाने के लिए किया जाएगा।
इस पैसे का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ होगा?
इस निवेश के पीछे सुजुकी का एक बहुत बड़ा और साफ प्लान है:
नई-नई गाड़ियां बनेंगी: इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा नई कारें बनाने पर खर्च होगा। इसमें पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियां, हाइब्रिड (पेट्रोल + बैटरी) गाड़ियां और सबसे खास, पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियां (EVs) शामिल हैं।
उत्पादन क्षमता बढ़ेगी: सुजुकी का लक्ष्य भारत में अपनी कार बनाने की क्षमता को लगभग दोगुना करना है। अभी वे साल में करीब 23 लाख गाड़ियां बनाते हैं, जिसे बढ़ाकर 40 लाख गाड़ियां सालाना करने का प्लान है। मतलब, सड़कों पर और भी ज्यादा सुजुकी की गाड़ियां दिखेंगी और वेटिंग पीरियड भी कम होगा।
'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा: कंपनी अब ज्यादातर पार्ट्स भारत में ही बनाएगी। इससे न केवल गाड़ियों की लागत कम होगी, बल्कि देश में हजारों नए रोजगार भी पैदा होंगे।
रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D): अब गाड़ियों की डिजाइनिंग और नई टेक्नोलॉजी पर रिसर्च का काम भी बड़े पैमाने पर भारत में ही होगा।
भारत ही क्यों:तोशिहिरो सुजुकी ने साफ कहा कि "भारत सुजुकी के लिए दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण बाजार है।" यह दिखाता है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत के भविष्य को लेकर कितनी सकारात्मक हैं।
इसका हम और आप पर क्या असर होगा?
ज्यादा विकल्प: हमें जल्द ही सुजुकी की नई-नई SUV, हाइब्रिड कारें और सबसे बढ़कर, किफायती इलेक्ट्रिक कारें देखने को मिलेंगी।
बेहतर टेक्नोलॉजी: भारत में बनने वाली कारों में दुनिया की सबसे आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा।
कम कीमत की उम्मीद: क्योंकि ज्यादातर पार्ट्स भारत में ही बनेंगे, तो उम्मीद है कि गाड़ियों की कीमतें भी नियंत्रण में रहेंगी।
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