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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की चुनावी बिसात पर अब वोटों की गिनती से पहले बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज अपने सरकारी आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने नतीजों से पहले ही अपनी सरकार बनने का बड़ा दावा ठोक दिया।

तेजस्वी ने साफ कहा कि मतगणना 14 तारीख को होगी और इसके महज़ चार दिन बाद यानी 18 तारीख को महागठबंधन की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उन्हें ज़मीन पर जो फीडबैक और जनता के रुझान मिल रहे हैं, उससे एनडीए के खेमे में हड़कंप मचा हुआ है। उनका दावा है कि यह चुनाव "सरकार बचाने के लिए नहीं, बल्कि सरकार बदलने के लिए" लड़ा गया है और जनादेश इसी दिशा में आया है।

गोदी मीडिया पर वार, एग्जिट पोल पर सवाल

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने एग्जिट पोल्स और मीडिया के एक हिस्से पर तीखा हमला बोला। उन्होंने उन्हें 'गोदी मीडिया' कहते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने सर्वे के ज़रिए असली तस्वीर को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। उन्होंने मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि यह वही मीडिया है जिसने पहले 'पाकिस्तान के बड़े शहरों पर कब्ज़े' जैसे अजीबोगरीब सर्वे दिखाए थे।

एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सर्वे करने वालों ने सैंपल साइज़ या सर्वे के मानकों के बारे में कोई ठोस जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। तेजस्वी ने सीधा पूछा कि इन सर्वेक्षणों का आधार क्या है और इनपर भरोसा क्यों किया जाना चाहिए।

2020 की तुलना में बढ़ा वोटिंग प्रतिशत: तेजस्वी का गणित

तेजस्वी यादव ने इस बार हुए मतदान में बढ़ोतरी के आँकड़े पेश करते हुए अपनी बात को मज़बूती दी। उन्होंने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस चुनाव में 72 लाख अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया है।

उन्होंने इन वोटों का सीधा गणित बताते हुए कहा कि अगर 72 लाख वोटों को 243 विधानसभा सीटों में बाँटा जाए तो हर सीट पर लगभग 29,500 वोटों की बढ़ोतरी हुई है। उनका स्पष्ट कहना था कि यह अतिरिक्त वोट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'बचाने' के लिए नहीं, बल्कि उन्हें सत्ता से 'हटाने' के लिए पड़े हैं। तेजस्वी का दावा है कि केवल 16 से 17 प्रतिशत लोग ही नीतीश कुमार को दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता अब प्रशासन पर दबाव डालना अच्छी तरह जानती है।