Up Kiran, Digital Desk: सीरिया में रविवार को पहला संसदीय चुनाव हुआ। यह चुनाव उस समय हो रहा है जब लगभग एक साल पहले पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद को पद से हटाया गया था। गृहयुद्ध के बाद यह राजनीतिक बदलाव देश के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकता है।
इस चुनाव का मकसद नयी पीपुल्स असेंबली का गठन करना है। यह असेंबली दो साल से ज्यादा समय तक काम करेगी और नए संविधान तथा चुनाव कानून का मसौदा तैयार करेगी। यह कदम सीरिया में लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।
देश के कई हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई थी। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बल तैनात थे ताकि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो सके। चुनावी प्रक्रिया में निर्वाचक मंडलों के सदस्यों ने अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को चुना और सीलबंद बक्सों में मत डाले।
इस चुनाव में सीधे जनता ने वोट नहीं दिया। 210 सीटों में से 140 का चुनाव 60 जिलों के निर्वाचक मंडलों ने जनसंख्या के आधार पर किया। बाकी 70 सीटें अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा द्वारा भरी जाएंगी।
स्वेदा प्रांत और कुर्द नेतृत्व वाले कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा कारणों से मतदान नहीं हो पाया। लगभग 7,000 निर्वाचक मंडल सदस्य ही मतदान के पात्र थे।
अहमद अल-शरा ने कहा कि कई कानून पारित करना जरूरी है ताकि देश का पुनर्निर्माण हो सके। उन्होंने सभी सीरियाई लोगों से इस मिशन में सहयोग की अपील की।
दमिश्क में 490 उम्मीदवारों ने दस सीटों के लिए चुनाव लड़ा। वहीं, अलेप्पो के अल-नस्र एम्फीथिएटर में 220 उम्मीदवारों ने 14 सीटों के लिए हिस्सा लिया।
मतदान प्रक्रिया की तारीफ करते हुए कई लोगों ने कहा कि इस बार की चुनाव प्रक्रिया पूर्व के मुकाबले ज्यादा स्वतंत्र और पारदर्शी थी। अंतरिम अधिकारियों ने बताया कि विस्थापित लोगों और दस्तावेजों के नुकसान के कारण आम जनता के लिए अभी मतदान संभव नहीं था।




