Up Kiran, Digital Desk: तमिलनाडु सरकार ने बिजली बिल को कम करने और पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक बहुत ही शानदार कदम उठाया है। अब राज्य की सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे, ताकि सूरज की रोशनी से सीधे बिजली बनाई जा सके।
यह फैसला न सिर्फ सरकार का पैसा बचाएगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी एक बड़ी जीत है।
क्या है यह पूरी योजना: तमिलनाडु के बिजली मंत्री थंगम थेनारासु ने विधानसभा में इसकी घोषणा की।
मकसद: इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, अस्पतालों और दूसरी इमारतों के भारी-भरकम बिजली बिल को कम करना है। साथ ही, कोयले से बनने वाली बिजली पर निर्भरता को घटाकर पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाना है।
कैसे काम करेगा: हर इमारत की छत पर उसकी जरूरत के हिसाब से सोलर पैनल लगाए जाएंगे। ये पैनल दिन में सूरज की रोशनी से बिजली बनाएंगे, जिससे उस इमारत की बिजली की जरूरतें पूरी होंगी। अगर बिजली ज्यादा बनती है, तो उसे ग्रिड में वापस भेज दिया जाएगा।
इस फैसले के बड़े फायदे: यह सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि भविष्य की सोच है।
पैसों की भारी बचत: सरकारी खजाने पर बिजली बिल का बोझ काफी कम हो जाएगा। बचे हुए पैसों को विकास के दूसरे कामों में लगाया जा सकता है।
पर्यावरण की सुरक्षा: सोलर एनर्जी एक साफ-सुथरी ऊर्जा है। इससे प्रदूषण नहीं होता, जो कोयला जलाने से होता है। यह कदम तमिलनाडु को एक 'ग्रीन स्टेट' बनाने में मदद करेगा।
लोगों के लिए प्रेरणा: जब सरकार खुद ऐसा कदम उठाएगी, तो आम लोग भी अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रेरित होंगे।
यह फैसला दिखाता है कि कैसे एक राज्य अपनी सोच बदलकर न केवल अपना भविष्य, बल्कि पर्यावरण का भविष्य भी सुरक्षित कर सकता है। तमिलनाडु का यह कदम देश के दूसरे राज्यों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।
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