दक्षिण एशिया में एक और बड़ा सैन्य संकट उभरता दिख रहा है। इस बार विवाद चीन, पाकिस्तान या बांग्लादेश से नहीं, बल्कि दो अन्य पड़ोसी देशों के बीच है, जो एक-दूसरे के खून के प्यासे बन चुके हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि एक देश ने F-16 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले शुरू कर दिए हैं।
यह संघर्ष मुख्य रूप से सीमा विवाद को लेकर हुआ है, जो पहले भी दोनों देशों के बीच विवाद का कारण बन चुका है। ताजा घटनाओं के अनुसार, एक देश ने दावा किया है कि उसकी सीमा पर लगातार घुसपैठ की जा रही है। जवाब में उसने हवाई ताकत का इस्तेमाल करते हुए F-16 जेट्स से टारगेटेड स्ट्राइक की है।
दूसरी ओर, दूसरा देश इस हमले को आक्रामक और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बता रहा है। उसने न केवल जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है, बल्कि वैश्विक मंचों पर अपनी बात रखने की तैयारी भी कर ली है।
स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो चुकी है कि दोनों देशों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की तैनाती बढ़ा दी है और एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव कर दिए गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ सीमा विवाद नहीं, बल्कि इसके पीछे लंबे समय से चल रही राजनीतिक खींचतान और रणनीतिक दबाव हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इन दो देशों पर टिकी हैं। संयुक्त राष्ट्र और ASEAN जैसे संगठन जल्द ही शांति वार्ता की पहल कर सकते हैं।
अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह टकराव पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।




