Up Kiran, Digital Desk: साल 2019 में आई हॉरर फिल्म 'मिडसोमर' (Midsommar) ने पूरी दुनिया में दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दिए थे. यह एक ऐसी डरावनी फिल्म थी जो खून-खराबे से ज्यादा दिमागी तौर पर आपको परेशान कर देती थी. फिल्म में मुख्य किरदार, 'डैनी', का रोल निभाने वाली ब्रिटिश एक्ट्रेस फ्लोरेंस प्यू ने अपने अभिनय से खूब तारीफें बटोरीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस किरदार को निभाने की उन्हें कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ी थी?
एक हालिया इंटरव्यू में, फ्लोरेंस ने खुलासा किया है कि 'मिडसोमर' में एक मानसिक रूप से टूटी हुई लड़की का किरदार निभाने का असर उनकी असल जिंदगी पर इतना गहरा पड़ा कि वह 6 महीनों तक डिप्रेशन में चली गई थीं.
'खुशी से किसी का दर्द महसूस करना पागलपन था'
फ्लोरेंस ने बताया कि 'मिडसोमर' की शूटिंग के दौरान उन्हें अपने किरदार में इतना डूबना पड़ा कि फिल्म खत्म होने के बाद भी वह उससे बाहर नहीं निकल पाईं. उन्होंने कहा, "डैनी के किरदार के लिए मुझे लगातार यह सोचना पड़ता था कि अगर मेरे साथ असल में इतनी बुरी घटनाएं होतीं, तो मुझे कैसा लगता."
उन्होंने फिल्म के उस क्लाइमेक्स सीन का जिक्र किया जहां उनका किरदार अपनी आंखों के सामने अपने बॉयफ्रेंड को जिंदा जलते हुए देखकर खुश होता है और मुस्कुराता है. फ्लोरेंस ने कहा, जब मैं वह सीन कर रही थी, तो मैं सोच रही थी कि मैं खुशी से किसी को दर्द में देख रही हूं. यह बिल्कुल पागलपन था. मैंने कभी अपनी जिंदगी में ऐसा महसूस नहीं किया था.
उन्होंने आगे बताया, फिल्म की शूटिंग के दौरान मैंने डैनी के दुख और दर्द को इतनी गहराई से महसूस किया कि मैं असल जिंदगी में भी उदास रहने लगी थी. मैंने एक ऐसा दुख पैदा कर लिया था जो मेरा था ही नहीं, और इसका नतीजा यह हुआ कि शूटिंग के बाद छह महीने तक मुझे इसका असर झेलना पड़ा.
यह खुलासा दिखाता है कि एक एक्टर के लिए अपने किरदार में जान डालना कितना मुश्किल हो सकता है. वे सिर्फ एक्टिंग नहीं करते, बल्कि उस किरदार की भावनाओं को जीते हैं, जिसका असर कई बार उनकी मानसिक सेहत पर भी पड़ता है. फ्लोरेंस प्यू का यह अनुभव उन तमाम कलाकारों की कहानी है जो हमें पर्दे पर हंसाने और रुलाने के लिए खुद एक भावनात्मक उथल-पुथल से गुजरते हैं.


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