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Up Kiran, Digital Desk: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक के बढ़ते खतरे के खिलाफ अब बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों में से एक, बच्चन परिवार ने कानूनी लड़ाई छेड़ दी है. अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी बेटी आराध्या बच्चन ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक मुकदमा दायर कर AI-जनरेटेड डीपफेक पर रोक लगाने की मांग की है. यह भारत में अपनी तरह का पहला बड़ा मामला है, जो AI के दुरुपयोग पर एक नई बहस छेड़ सकता है.

क्या है मामला: बच्चन परिवार ने अपनी याचिका में कहा है कि AI का इस्तेमाल करके उनकी इजाजत के बिना उनकी तस्वीरें, आवाज और वीडियो का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. डीपफेक तकनीक के जरिए उनके नकली वीडियो और ऑडियो बनाकर सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और निजता को भारी नुकसान पहुंच रहा है.

इस मुकदमे में बच्चन परिवार ने कई अज्ञात लोगों के साथ-साथ वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म YouTube को भी एक पक्ष बनाया है, जो यह दिखाता है कि वे सिर्फ कंटेंट बनाने वालों पर ही नहीं, बल्कि उसे फैलाने वाले प्लेटफॉर्म्स पर भी लगाम लगाना चाहते हैं.

क्यों है यह एक 'ऐतिहासिक' केस?

यह मामला भारत में AI और 'पर्सनैलिटी राइट्स' को लेकर एक मील का पत्थर साबित हो सकता है. 'पर्सनैलिटी राइट्स' का मतलब है कि कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के नाम, चेहरे, आवाज या पहचान का इस्तेमाल व्यावसायिक या किसी अन्य उद्देश्य के लिए उसकी अनुमति के बिना नहीं कर सकता.

बच्चन परिवार की यह कानूनी लड़ाई भारत में डीपफेक के खिलाफ एक मजबूत कानून बनाने की दिशा में पहला बड़ा कदम हो सकती है. इस केस में दिल्ली हाई कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वह यह तय करेगा कि भारत में AI के दौर में किसी व्यक्ति की डिजिटल पहचान को कैसे सुरक्षित रखा जाएगा.

यह मुकदमा सिर्फ एक सेलिब्रिटी परिवार के बारे में नहीं है, बल्कि यह हर उस व्यक्ति की लड़ाई है जिसका चेहरा और आवाज आज AI की वजह से खतरे में है.