
Up Kiran, Digital Desk: दशकों से चले आ रहे इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया गया है। सोमवार, 29 सितंबर, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक "20-सूत्रीय मोदी गाजा शांति योजना" की घोषणा की, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता लाना है।
इस घोषणा के तुरंत बाद, G20 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कदम का जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने इस योजना को दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक "बहुत महत्वपूर्ण कदम" बताया और इस पहल को अपना पूरा समर्थन दिया।
"यह शांति की खोज में एक महत्वपूर्ण दिन है" - पीएम मोदी
मंगलवार, 30 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर अपने आधिकारिक बयान में पीएम मोदी ने कहा:
"राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप द्वारा गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक कार्य योजना की घोषणा का स्वागत है। यह योजना फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों तथा व्यापक पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और समृद्धि की एक यथार्थवादी संभावना प्रदान करती है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह शांति और स्थिरता की खोज में एक महत्वपूर्ण दिन है। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की शांति पहल के पीछे एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने तथा शांति स्थापित करने के लिए 'मोदी-ट्रंप शांति वार्ता' का समर्थन करेंगे।"
दुनिया भर के नेताओं ने किया दिल खोलकर स्वागत
इस 'मोदी-ट्रंप' शांति योजना को अभूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलता दिख रहा है। दुनिया भर के प्रमुख नेताओं ने इस पहल का स्वागत किया है:
फिलिस्तीन भी तैयार: फिलिस्तीनी सरकार ने कहा है कि वह अमेरिका द्वारा मांगे गए सुधारों को लागू करने के लिए तैयार है, जो शांति की दिशा में एक बड़ा सकारात्मक संकेत है।
अरब जगत का समर्थन: सोमवार को सऊदी अरब, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने भी एक संयुक्त बयान जारी कर इस योजना का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "हम एक समझौते को अंतिम रूप देने और उसके कार्यान्वयन के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और संबंधित पक्षों के साथ काम करने के लिए अपनी तत्परता की पुष्टि करते हैं।"
फ्रांस और ब्रिटेन भी साथ: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने डोनाल्ड ट्रंप को बंधकों को घर लाने और संघर्ष के समाधान के लिए उनके काम पर बधाई दी। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी शांति योजना का स्वागत करते हुए गाजा में शांति लाने के लिए एक समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया।