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Up Kiran, Digital Desk: नीति आयोग की एक नई रिपोर्ट ने भारत के विकास की एक खूबसूरत तस्वीर पेश की है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का सर्विस सेक्टर यानी सेवा क्षेत्र, जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, अब और ज़्यादा संतुलित और समावेशी हो गया है। आसान भाषा में कहें तो देश की तरक्की अब सिर्फ कुछ बड़े राज्यों या शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि वो राज्य भी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं, जो पहले इस दौड़ में पीछे थे।

यह रिपोर्ट बताती है कि भारत की सफलता अब सिर्फ कुछ मुट्ठी भर बड़े शहरों की कहानी नहीं रही, बल्कि देश के कोने-कोने में विकास की नई लहर देखने को मिल रही है।

क्या कहती है यह रिपोर्ट: रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्विस सेक्टर, जो देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 55% का योगदान देता है, अब और संतुलित हो रहा है। इसका सबूत यह है कि जो राज्य पहले इस मामले में पीछे थे, अब वो एडवांस राज्यों की बराबरी करने लगे हैं। यह इस बात का संकेत है कि भारत का विकास अब ज़मीनी स्तर पर और भी मज़बूत हो रहा है, जिसका फायदा हर किसी को मिलेगा।

नौकरियों को लेकर क्या है रिपोर्ट में?

इस रिपोर्ट के साथ नौकरियों पर आधारित एक और अहम रिपोर्ट जारी की गई। इसमें बताया गया है कि नौकरियां देने में सर्विस सेक्टर का किरदार सबसे बड़ा रहा है, खास तौर पर कोरोना महामारी के बाद इसी सेक्टर ने देश को संभाला है। लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियाँ बाकी हैं:

असमान मौके: कुछ क्षेत्रों में तो बहुत नौकरियां हैं, लेकिन कुछ में कम हैं।

असंगठित क्षेत्र का दबदबा: आज भी ज़्यादातर नौकरियां अनौपचारिक (informal) हैं, जहां वेतन कम और सुविधाएं न के बराबर होती हैं।

महिलाओं की भागीदारी: नौकरियों में महिलाओं और पुरुषों के बीच अब भी एक बड़ी खाई है, जिसे भरने की ज़रूरत है।

रिपोर्ट इस बात पर ज़ोर देती है कि सिर्फ विकास काफी नहीं है, हमें ऐसी नौकरियां पैदा करनी होंगी जो अच्छी हों, सुरक्षित हों और जिसमें हर किसी को आगे बढ़ने का मौका मिले। ‘विकसित भारत 2047’ का सपना तभी साकार होगा, जब देश का हर नागरिक इस विकास का हिस्सा बनेगा।