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आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू को दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सूरत में सन् 2013 में एक बच्ची से दरिंदगी के मामले में गांधीनगर सेशन कोर्ट ने सोमवार को आसाराम बापू को अपराधी करार दिया। इस मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले के दूसरे आरोपी को बरी कर दिया गया है। 2013 में आसाराम बापू पर सूरत में एक लड़की से दुष्कर्म का आरोप लगा था। पीड़ित लड़की की छोटी बहन पर नारायण साईं ने प्रताड़ित करने का इल्जाम लगाया था।

मामले में आसाराम के साथ साथ उनकी पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार अन्य अनुयायियों ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा को भी आरोपी बनाया गया है। आसाराम कल की सुनवाई के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में मौजूद थे। इसके बाद कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया। मगर कोर्ट ने सजा की सुनवाई आज के लिए सुरक्षित रख ली।

रेप के एक और मामले में आसाराम बापू उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। वह जोधपुर जेल में सजा काट रहा है। इससे पहले जोधपुर रेप केस में आसाराम बापू ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। मगर अदालत ने इसे खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल नवंबर के महीने में एक याचिका पर सुनवाई हुई थी। आसाराम बापू ने अदालत के सामने दलील दी थी कि बढ़ती उम्र और खराब सेहत के चलते उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। मगर मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। अब सूरत मामले में भी कोर्ट सजा सुनाने जा रही है। लिहाजा आसाराम बापू को फिलहाल कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। आज की सजा ने आसाराम की जेल की अवधि बढ़ाने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।

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