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Up kiran,Digital Desk : दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके की जांच अब एक बड़े और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को कश्मीर में एक साथ 8 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह छापेमारी पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों में की गई और इसके पीछे जो कहानी सामने आई है, वो हैरान करने वाली है। जांच में पता चला  इस धमाके के पीछे कोई आम आतंकी गैंग नहीं, बल्कि एक 'व्हाइट-कॉलर' टेरर मॉड्यूल काम कर रहा था।

कौन हैं ये 'व्हाइट-कॉलर' आतंकी?

ये कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि समाज में respectable माने जाने वाले पढ़े-लिखे लोग हैं। ये बंदूक और बम से ज़्यादा दिमाग, पैसों के लेन-देन (मनी लॉन्ड्रिंग) और धोखाधड़ी का इस्तेमाल करके आतंकवाद फैलाते हैं। इनका तरीका इतना शातिर होता है कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन्हें पकड़ना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है।

मास्टरमाइंड एक मौलवी, नेटवर्क में डॉक्टर भी शामिल

NIA की जांच में इस गैंग के मास्टरमाइंड का भी पता चल गया है। इसका नाम है इरफान अहमद वगाय, जो पेशे से एक मौलवी है। NIA का कहना है कि यही वो शख्स है जो पढ़े-लिखे युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें इस आतंकी नेटवर्क में भर्ती करता था। इरफान को पिछले महीने ही गिरफ्तार कर लिया गया था। सोमवार को NIA ने उसके घर पर भी तलाशी ली।

इतना ही नहीं, इस नेटवर्क के तार उत्तर प्रदेश से भी जुड़े हैं। NIA ने सहारनपुर से गिरफ्तार किए गए डॉक्टर अदील अहमद राथर के घर पर भी छापा मारा। एक डॉक्टर का नाम इस तरह के मामले में आना दिखाता है कि यह नेटवर्क कितना गहरा और खतरनाक है।

आपको बता दें कि लाल किले के पास हुए इस भयानक कार धमाके में 15 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग बुरी तरह घायल हुए थे। NIA की ये छापेमारी इसी नेटवर्क की कमर तोड़ने और यह समझने के लिए की जा रही है कि ये लोग कैसे काम करते हैं और इनके तार कहाँ-कहाँ तक फैले हुए हैं।

एजेंसियों का मानना है कि इस तरह के पढ़े-लिखे आतंकी मॉड्यूल देश की सुरक्षा के लिए एक नया और गंभीर खतरा हैं।