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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के पान्यम मंडल के आहल्यापुरम गांव के किसान इन दिनों अपनी जान हथेली पर रखकर खेती करने को मजबूर हैं। गांव के पास बहने वाली कोरा वागु (Korra Vagu) नदी पर पुल न होने के कारण, किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने के लिए एक बड़ी और खतरनाक यात्रा करनी पड़ रही है। बारिश के मौसम और एसआरबीसी नहरों (SRBC canals) में पानी छोड़े जाने के कारण, यह नदी इन दिनों कमर तक पानी से भरी हुई है। 

इस स्थिति में, जहां पहले किसान आधा से एक किलोमीटर में सीधे नदी पार करके अपने खेतों तक पहुंच जाते थे, वहीं अब उन्हें चार से पांच किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है। यह सिर्फ असुविधा की बात नहीं, बल्कि किसानों के जीवन और उनकी आजीविका के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है।

बुवाई का मौसम और बढ़ती मुश्किलें
फिलहाल बुवाई का मौसम अपने चरम पर है, और ऐसे में पुल की अनुपस्थिति ने किसानों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक, और अन्य आवश्यक कृषि सामग्री अपने खेतों तक ले जाने में भारी परेशानी हो रही है। बैलगाड़ी, ट्रैक्टर, और मजदूर – इनमें से किसी को भी पानी से भरे नदी पार कराना एक दुष्कर कार्य बन गया है।

कई किसान अपनी जान जोखिम में डालकर, कमर तक गहरे पानी में उतरकर, बीज के बोरे और कीटनाशक की थैलियां लेकर खेतों तक पहुंच रहे हैं। तेज बहाव और फिसलन भरी जमीन के कारण यह पारगमन बेहद खतरनाक हो गया है।

सालों से जारी खतरा, अब तक नहीं बनी बात!
गांव वाले बताते हैं कि मानसून के दौरान नदी पार करते समय पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। बारिश के मौसम में, सामान्य कृषि कार्य भी एक खतरनाक और थकाऊ काम में बदल जाता है। वर्षों से, इस बुनियादी ढांचे की कमी के कारण किसानों को देरी, नुकसान और सुरक्षा संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। हर साल यही कहानी दोहराई जाती है, और हर साल किसान अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों के पास जाते हैं, लेकिन स्थायी समाधान के रूप में पुल का निर्माण अब तक नहीं हो सका है।

किसानों की जोरदार अपील: पुल निर्माण को प्राथमिकता दें!
खेती-किसानी पर निर्भर इस समुदाय ने प्रशासन से इस गंभीर समस्या का तत्काल समाधान करने की अपील की है। उनकी मांग है कि कोरा वागु पर एक पुल का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए, ताकि खेतों तक सुरक्षित, त्वरित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित हो सके। 

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