img

बॉलीवुड इंडस्ट्री इन दिनों एक अजीब दौर से गुजर रही है, जहां न केवल बड़े बजट की फिल्में असफल हो रही हैं, बल्कि इंडस्ट्री से जुड़े कई कलाकार और तकनीकी टीमें बेरोजगारी का सामना कर रही हैं। इसी मुद्दे पर अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलकर बात की।

कल्कि ने कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री इस समय एक तरह की "क्रिएटिव मंदी" से गुजर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में कई छोटे कलाकारों को काम नहीं मिला है, और कई प्रतिभाशाली क्रिएटिव प्रोफेशनल्स को या तो टीम से निकाला गया या फिर बार-बार बदला जा रहा है। उनके मुताबिक, यह स्थिति केवल आर्थिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को प्रभावित कर रही है।

कल्कि ने यह भी ज़िक्र किया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के आने के बाद उम्मीदें जगी थीं, लेकिन वहां भी अब चुनिंदा चेहरों और सुरक्षित कंटेंट को ही प्राथमिकता दी जा रही है। इससे नए या कम प्रसिद्ध कलाकारों के लिए मौके सीमित हो गए हैं।

उनका कहना है कि यह समय इंडस्ट्री के लिए आत्ममंथन का है — यह सोचने का कि कंटेंट, क्रिएटिविटी और अवसर कैसे संतुलित किए जा सकते हैं। कल्कि ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में न सिर्फ बड़े सितारों, बल्कि उन कलाकारों को भी मौका मिलना चाहिए जो पर्दे के पीछे अथक मेहनत करते हैं।

फिल्म विश्लेषकों का मानना है कि कल्कि की यह बात इंडस्ट्री की जमीनी हकीकत को उजागर करती है, जिसे अक्सर नज़रअंदाज़ किया जाता है। अब देखना होगा कि यह आवाज़ बॉलीवुड में कोई बदलाव लाने में सक्षम होती है या नहीं।
 

--Advertisement--