Up Kiran, Digital Desk: अफगानिस्तान में तालिबान ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है और 4 करोड़ अफगानी लोगों को एक झटके में 'डिजिटल कैद' में डाल दिया है। मंगलवार को, तालिबान सरकार ने देश भर में इंटरनेट को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया, जिससे अफगानिस्तान का संपर्क बाकी दुनिया से लगभग पूरी तरह कट गया है। यह तालिबान के शासन में देश का पहला राष्ट्रव्यापी इंटरनेट ब्लैकआउट है।
इस अप्रत्याशित कदम के पीछे तालिबान के "नैतिकता मंत्रालय" का हाथ बताया जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह फैसला "अनैतिक और इस्लामी मूल्यों के खिलाफ" ऑनलाइन कंटेंट के प्रसार को रोकने के लिए एक बड़े "नैतिकता अभियान" के तहत लिया गया है।
क्यों किया गया इंटरनेट बंद: तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि इंटरनेट का इस्तेमाल "युवाओं को गुमराह करने और समाज में अश्लीलता फैलाने" के लिए किया जा रहा था। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब तालिबान देश में शरिया कानून के अपने कट्टर संस्करण को सख्ती से लागू कर रहा है। इस शटडाउन ने न केवल लोगों को बाहरी दुनिया से जानकारी प्राप्त करने से रोक दिया है, बल्कि इसने देश के भीतर भी संचार को ठप कर दिया है।
लोगों की जिंदगी पर सीधा असर
इस इंटरनेट ब्लैकआउट का असर अफगानिस्तान की आम जनता पर विनाशकारी पड़ रहा है:
परिवारों का संपर्क टूटा: लोग देश-विदेश में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से बात नहीं कर पा रहे हैं।
बैंकिंग और व्यापार ठप: देश की पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और भी चरमरा गई है क्योंकि ऑनलाइन बैंकिंग और व्यापार पूरी तरह से रुक गया है।
सूचना का अंधकार: लोगों को यह भी नहीं पता चल पा रहा है कि देश के दूसरे हिस्सों में या दुनिया में क्या हो रहा है।
पाकिस्तान ने भी दी चेतावनी
एक तरफ जहां देश के अंदर यह 'डिजिटल कर्फ्यू' लगाया गया है, वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी तालिबान सरकार को चेतावनी दी है। हालांकि यह चेतावनी एक अलग मुद्दे को लेकर है, लेकिन यह अफगानिस्तान की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय अलगाव को दिखाता है। पाकिस्तान, काबुल पर अपनी सीमाओं से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगा रहा है।
_546683487_100x75.jpg)
_1899605061_100x75.jpg)
_59811910_100x75.png)
_31971448_100x75.png)
_925607563_100x75.png)