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Up Kiran, Digital Desk: आज देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला एयर फोर्स बेस पर एक नया इतिहास रच दिया। वे वायुसेना के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक, राफेल में बैठीं और आसमान की ऊंचाइयों को छुआ। इस खास मौके पर उनके साथ न केवल वायुसेना के बड़े अधिकारी मौजूद थे, बल्कि खुद वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह भी एक दूसरे विमान में उनके साथ उड़ान भर रहे थे।

कैसा था यह अनुभव: यह कोई मामूली उड़ान नहीं थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जी-सूट पहनाया गया, जो फाइटर जेट में उड़ान भरने के लिए जरूरी होता है। उन्हें लेकर उड़ान भरने वाले पायलट ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी थे, जो वायुसेना की प्रसिद्ध "गोल्डन एरो" स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर भी हैं। यह वही स्क्वाड्रन है जिसे राफेल विमानों की पहली खेप मिली थी।

यह दूसरी बार है जब राष्ट्रपति मुर्मू ने किसी फाइटर जेट में उड़ान भरी है। इससे पहले 2023 में उन्होंने असम के तेजपुर एयर फोर्स स्टेशन से सुखोई-30MKI विमान में करीब 30 मिनट तक उड़ान भरी थी।

क्यों खास है राफेल: राफेल सिर्फ एक लड़ाकू विमान नहीं है, बल्कि भारतीय वायुसेना की शान है। यह फ्रांस से लिया गया एक अत्याधुनिक मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है, जो हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइलों और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों से लैस है। यह विमान एक साथ कई काम कर सकता है, जैसे दुश्मन के विमानों को मार गिराना, जमीन पर हमला करना और जासूसी करना। राफेल के आने से भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है।

यह पहली बार नहीं है जब देश के किसी राष्ट्रपति ने फाइटर जेट में उड़ान भरी हो। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल भी सुखोई-30 MKI में उड़ान भर चुके हैं। लेकिन राफेल में उड़ान भरने वाली राष्ट्रपति मुर्मू देश की पहली महिला राष्ट्रपति हैं।