Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के लाहौर में होने वाली आतंकी हाफिज सईद की एक बड़ी रैली को आखिरी समय में अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया गया है। यह रैली 2 नवंबर को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में होने वाली थी और इसे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक बड़े शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा था। इस अचानक हुए फैसले से हाफिज के समर्थकों में काफी हैरानी और गुस्सा है।
रैली रद्द करने का कोई एक कारण नहीं बताया जा रहा है, बल्कि इसके पीछे कई वजहें सामने आ रही हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने खुद लश्कर के नेतृत्व को यह रैली रद्द करने का निर्देश दिया था। इसके पीछे एक बड़ी वजह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से मिले हमले के इनपुट थे।TTP ने हाल के हफ्तों में पाकिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं और सुरक्षा एजेंसियों को डर था कि इस रैली में कोई बड़ा हमला या आतंकी गुटों के बीच आपसी झड़प हो सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को देने वाला था श्रद्धांजलि
यह रैली सिर्फ एक शक्ति प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि इसका एक और बड़ा मकसद था। इस रैली के जरिए हाफिज सईद भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए अपने आतंकियों को श्रद्धांजलि देना चाहता था और उन्हें शहीद का दर्जा देकर अपने समर्थकों को भड़काना चाहता था।रैली की जगह पर मारे गए कई लश्कर आतंकियों के पोस्टर भी लगा दिए गए थे।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लश्कर का एक सदस्य अपने समर्थकों को बता रहा है कि अमीर-ए-मोहतराम (हाफिज सईद) ने खुद यह रैली स्थगित करने का फैसला किया है।
इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान के अंदर आतंकी गुटों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के बीच चल रही खींचतान को उजागर कर दिया है। एक तरफ पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव है कि वह अपनी जमीन पर पल रहे आतंकवाद पर लगाम लगाए, वहीं दूसरी तरफ TTP जैसे गुटों का बढ़ता खतरा खुद उसके लिए सिरदर्द बन गया है।
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