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Up Kiran, Digital Desk: देश में समुद्री कानूनों को नई दिशा देने के लिए बुधवार को लोकसभा ने ‘मर्चेंट शिपिंग बिल 2024’ को मंजूरी दे दी। यह बिल भारत के 67 साल पुराने जहाजरानी कानून को पूरी तरह बदलने वाला है। इसके साथ ही ‘समुद्र से माल ढुलाई विधेयक 2025’ भी चर्चा में रहा, जो समुद्र मार्ग से माल परिवहन के नियमों को अपडेट करता है। आइए समझते हैं इन कानूनों में क्या बदलाव हुए हैं और आम जनता, व्यापारियों तथा नौसैनिक समुदाय को इसका कैसे लाभ मिलेगा।

मर्चेंट शिपिंग बिल 2024: आधुनिक युग के लिए नया कानून

1958 में बना पुराना मर्चेंट शिपिंग कानून तब के तकनीकी और व्यावसायिक परिवेश के हिसाब से था। आज जहाजरानी में कंटेनर तकनीक, डिजिटलाइजेशन और समुद्री सुरक्षा के नए मानक जरूरी हो गए हैं। इस बिल के तहत अब भारत में जहाजों का रजिस्ट्रेशन, चालक दल के अधिकार, सुरक्षा मानदंड और पर्यावरण संरक्षण के नियमों को आधुनिक और प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत को एक मजबूत और भरोसेमंद समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करना है।

समुद्र से माल ढुलाई विधेयक 2025: जिम्मेदारियों और सुरक्षा का नया ढांचा

1925 के पुराने माल ढुलाई कानून की जगह यह नया विधेयक लाया गया है। यह माल के समुद्री रास्ते से एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित परिवहन और नुकसान की भरपाई के नियमों को स्पष्ट करता है। यदि यात्रा के दौरान माल खराब होता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसकी ज़िम्मेदारी और मुआवजे का निर्धारण इस बिल के अंतर्गत होगा। इससे व्यापारियों और बीमा कंपनियों को भी अधिक सुरक्षा और स्पष्टता मिलेगी।

बदलाव की ज़रूरत क्यों थी?

पुराने नियम वर्तमान व्यापारिक और तकनीकी परिवेश के अनुरूप नहीं थे।

डिजिटल युग में जहाजरानी और समुद्री सुरक्षा के लिए कड़े और आधुनिक नियम जरूरी थे।

भारत की समुद्री कारोबार में हिस्सेदारी बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाने की जरूरत थी।

किसे होगा लाभ?

जहाज मालिकों को: जहाजों का रजिस्ट्रेशन अब ऑनलाइन होगा, जिससे प्रक्रिया आसान और पारदर्शी होगी।

नाविकों को: काम के घंटे तय होंगे, बीमा सुविधाएँ बेहतर होंगी और उनकी सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

व्यापारियों और निर्यातकों को: माल की सुरक्षा और नुकसान की भरपाई के नियम स्पष्ट होने से व्यापार में विश्वास बढ़ेगा।

बीमा कंपनियों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को: मजबूत कानूनी व्यवस्था से निवेश और संचालन में आसानी होगी।

अब क्या-क्या बदलेगा?

जहाज रजिस्ट्रेशन, चालक दल के नियम और दुर्घटना जांच डिजिटल और त्वरित होंगी।

भारत में आने-जाने वाले जहाजों पर एक समान नियम लागू होंगे।

समुद्र में तेल और अन्य प्रदूषकों के फैलाव पर सख्त जुर्माना और कड़ी सजा का प्रावधान होगा।

विवादों को लंबा खींचे बिना जल्दी निपटाने की व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा।

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