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Up Kiran, Digital Desk: हरियाणा के करनाल जिले के कुंजपुरा गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने न सिर्फ गांववालों को हैरान कर दिया बल्कि सरकारी तंत्र की लापरवाही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। एक आम ग्रामीण परिवार को बिजली विभाग की ओर से 1 करोड़ 45 लाख रुपये से अधिक का बिल थमा दिया गया वो भी ऐसे घर के लिए जहां डेढ़ साल से बिजली का कनेक्शन ही मौजूद नहीं है।
बिजली कनेक्शन के लिए किया आवेदन मिल गया करोड़ों का बिल
यह मामला गांव के निवासी विनोद से जुड़ा है जिन्होंने हाल ही में अपनी पत्नी के नाम पर एक नया बिजली कनेक्शन लेने के लिए आवेदन किया था। उन्हें उम्मीद थी कि घर में फिर से बिजली की सुविधा बहाल हो जाएगी लेकिन विभाग की ओर से उन्हें जो बिल मिला वह किसी सदमे से कम नहीं था। बिल की रकम थी: 14517279।
विनोद के मुताबिक उनके घर में करीब डेढ़ साल से बिजली का कोई कनेक्शन नहीं है फिर भी इतनी भारी-भरकम राशि का बिल उनके नाम कैसे आ गया यह समझ से परे है। उन्होंने बताया कि यह बिल उनके दिवंगत पिता ज्ञान चंद के नाम पर दर्ज पुराने कनेक्शन से जुड़ा है जिस पर कुछ बकाया अवश्य था लेकिन इतनी भारी रकम कभी नहीं थी।
हकीकत: कोर्ट केस और 14.51 लाख की असल बकाया राशि
जब विनोद ने विभाग से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि असल में बिल की रकम 14.51 लाख रुपये है न कि 1.45 करोड़। बिजली विभाग के अधिकारी तरुण जैन ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से टाइपिंग एरर का परिणाम था। पुराने मामले की जांच में पता चला कि 2015 से पहले विनोद के पिता पर बिजली चोरी के आरोप में जुर्माना लगाया गया था। वे कोर्ट गए थे जहां उन्हें चालू बिल चुकाने का निर्देश मिला था लेकिन समय पर भुगतान न होने के कारण राशि बढ़ती चली गई।
विनोद बोले: मेरे पास रसीदें हैं कोर्ट जो फैसला करेगी स्वीकार होगा
विनोद ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उन्होंने पूर्व में कुछ धनराशि कोर्ट में जमा कर दी थी जिसकी रसीदें उनके पास मौजूद हैं। वे कहते हैं कि उन्हें कोर्ट से सिर्फ ₹22000 भरने का आदेश मिला था और वह आदेश उन्होंने मान लिया। यदि कोर्ट कुछ और निर्णय लेती है तो वे उसे भी स्वीकार करेंगे।
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