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मध्य पूर्व में हालात एक बार फिर गंभीर हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के एलान के बाद से यमन में अमेरिकी सेना लगातार हवाई हमले कर रही है। इन हमलों में अब तक दर्जनों लोगों के मारे जाने की खबर है। इस बीच यमन की सशस्त्र सेना, जो हूती विद्रोहियों के नेतृत्व में है, ने बुधवार को सऊदी अरब को साफ चेतावनी दी है कि यदि वह इस संघर्ष में किसी भी रूप में शामिल होता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

यमनी सेना ने सऊदी अरब को चेताते हुए कहा है कि अगर वह अमेरिका के साथ खड़ा हुआ तो उसके तेल ठिकाने निशाने पर होंगे। सेना ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट जारी कर कहा, “सऊदी अरब के लिए चेतावनी है: इस युद्ध में शामिल मत हो। अगर ऐसा किया तो न तेल बचेगा और न ही शांति। हम सऊदी के आसमान को आग के बादलों से भर देंगे।”

यमन सेना ने अपनी पोस्ट में अतीत में सऊदी तेल ठिकानों पर किए गए हमलों की तस्वीरें भी साझा की हैं, ताकि सऊदी अरब को याद दिलाया जा सके कि वे पहले भी उनके हमलों का शिकार हो चुके हैं। यमन का दावा है कि सऊदी-अमेरिकी गठबंधन यमन पर हमला कर रहा है, जो दरअसल इजरायल के हितों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है।

हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर सऊदी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन जानकारों का मानना है कि रियाद फिलहाल अपने देश की सुरक्षा और विशेष रूप से तेल उत्पादन से जुड़े ठिकानों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। सऊदी अरब की कोशिश है कि वह किसी भी बड़ी सैन्य कार्रवाई से बचते हुए अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखे।

फिलहाल यमन में जारी यह संघर्ष पूरे खाड़ी क्षेत्र के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है।

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