
Up Kiran, Digital Desk: 3 सितंबर को द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर जीत की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर चीन ने अपनी सैन्य ताकत का जबरदस्त प्रदर्शन किया. बीजिंग के थियानमेन स्क्वायर पर हुई इस विशाल परेड में दुनिया की नजरें एक खास विमान पर टिकी थीं - चीन का सबसे घातक और आधुनिक फाइटर जेट, J-20. यह दुनिया का पहला दो सीटों वाला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे 'माइटी ड्रैगन' के नाम से भी जाना जाता है.
क्या है J-20 की खासियत, जो इसे बनाता है इतना खतरनाक
सीटों वाला दुनिया का पहला विमान: यह J-20 का सबसे अनोखा फीचर है. आमतौर पर पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट सिंगल-सीटर होते हैं. लेकिन J-20 में दो पायलट बैठ सकते हैं. एक पायलट विमान उड़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि दूसरा हथियारों, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और ड्रोन को नियंत्रित करने जैसे जटिल कामों को संभालता है. यह क्षमता इसे युद्ध के मैदान में एक कमांड सेंटर की तरह काम करने की ताकत देती है.
सुपरसोनिक रफ्तार: J-20 आवाज की गति से भी तेज (सुपरसोनिक) उड़ान भर सकता है, और वह भी बिना आफ्टरबर्नर का इस्तेमाल किए, जिससे ईंधन की बचत होती है और इसकी रेंज बढ़ जाती है.
घातक हथियार: यह विमान लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है, जो इसे दुश्मन के विमानों को बहुत दूर से ही निशाना बनाने की क्षमता देता है.
दुनिया के लिए इसके क्या मायने हैं?
J-20 का प्रदर्शन करके चीन ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को यह सीधा संदेश दिया है कि वह सैन्य प्रौद्योगिकी में किसी से पीछे नहीं है. यह विमान अमेरिकी F-22 रैप्टर और F-35 जैसे लड़ाकू विमानों को सीधी टक्कर देने के लिए बनाया गया है. दो सीटों वाला वैरिएंट यह भी दिखाता है कि चीन भविष्य के युद्धों की तैयारी कर रहा है, जहां पायलटों को एक साथ कई मोर्चों पर, जैसे कि ड्रोन झुंड को नियंत्रित करना और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध लड़ना, ध्यान केंद्रित करना होगा. इस परेड के जरिए चीन ने यह साफ कर दिया है कि उसकी सैन्य शक्ति अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई है.
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