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Happy New Year: साल 2024 खत्म होने में चंद दिन ही शेष हैं और देशभर में नए साल की शुरुआत की तैयारियां शुरू हो गई हैं। 1 जनवरी 2025 से देश में कई बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जिसका असर हर घर और हर जेब पर दिखेगा। इन बदलावों में रसोई में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों से लेकर यूपीआई भुगतान तक के नियम शामिल हैं। नए साल से रोजमर्रा की जरूरी चीजों की कीमतों पर असर पड़ने वाला है।

गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव होगा

आपको बता दें कि 1 जनवरी 2025 को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कुकिंग और कमर्शियल एलपीजी गैस की कीमतों में संशोधन कर सकती हैं. पिछले कुछ समय से तेल कंपनियां कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं लेकिन 14 किलो वाले घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। इसके अलावा हवाई ईंधन की कीमतों में भी बदलाव संभव है.

कार खरीदना होगा महंगा

नए साल में कार खरीदना महंगा हो जाएगा. देश की कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने गाड़ियों की कीमतें बढ़ाने का ऐलान किया है. इसमें एक से तीन फीसदी की बढ़ोतरी होगी. कंपनियों ने इसके लिए उत्पादन शुल्क और लागत में बढ़ोतरी को जिम्मेदार ठहराया।

EPFO खाताधारकों के लिए तोहफा

अगले साल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ पेंशनभोगियों के लिए एक नया नियम लागू करेगा, जो उनके लिए एक बड़ा तोहफा है। इसके तहत अब पेंशनभोगी देश के किसी भी बैंक से अपनी पेंशन राशि निकाल सकेंगे और इसके लिए किसी अतिरिक्त सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी। मार्च-अप्रैल तक एटीएम जैसी निकासी सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकती हैं।

UPI 123Pay भुगतान सीमा बढ़ेगी

फीचर फोन से ऑनलाइन भुगतान की सुविधा के लिए RBI द्वारा UPI 123Pay लॉन्च किया गया था। इसकी ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने का फैसला लिया गया है, जो 1 जनवरी से लागू होगी. इसके बाद आप 10,000 रुपये तक का भुगतान ऑनलाइन कर सकेंगे. पहले यह सीमा सिर्फ 5,000 रुपये थी.

किसानों को बिना गारंटी कर्ज मिलेगा

साल के पहले दिन से किसानों को RBI से 2 लाख रुपये तक का अनसिक्योर्ड लोन मिलेगा. हाल ही में आरबीआई ने किसानों के लिए असुरक्षित ऋण सीमा बढ़ाने की घोषणा की है। पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपये थी.

एपीडी नियमों में बदलाव

आरबीआई ने एनबीएफसी और एचएफसी के लिए एफडी से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। इन बदलावों के तहत जमा राशि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ अहम प्रावधान किये गये हैं. इसमें जनता से जमा लेना, तरल संपत्ति का एक हिस्सा बनाए रखना और जमा का बीमा करना शामिल है।

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