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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान आध्यात्मिक गुरु और विचारक स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीयों में अपने गौरवशाली इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति गहरा आत्मविश्वास और स्वाभिमान जगाया। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वामी विवेकानंद केवल एक संत नहीं थे, बल्कि एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने भारत की आत्मा को पुनर्जीवित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के लंबे दौर से गुजरने के बाद, जब भारत अपनी पहचान और आत्म-विश्वास खो रहा था, तब स्वामी विवेकानंद एक नई ऊर्जा लेकर आए। उन्होंने भारतीयों को अपनी प्राचीन ज्ञान परंपराओं, दर्शन और जीवन-शैली पर गर्व करना सिखाया। उन्होंने दुनिया को बताया कि भारत सिर्फ एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि एक महान सभ्यता है जो 'वसुधैव कुटुम्बकम्' (पूरा विश्व एक परिवार है) के दर्शन में विश्वास रखती है।

पीएम मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि स्वामी विवेकानंद का 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का विचार आज भी हमारे राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में मार्गदर्शक है। उन्होंने युवाओं को राष्ट्र सेवा और सामाजिक उत्थान के लिए प्रेरित किया। उनके संदेशों में दूरदर्शिता थी, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके समय में थीं। उन्होंने बिना किसी डर या संकोच के भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सनातन धर्म के सार्वभौमिक सिद्धांतों को पश्चिमी दुनिया से परिचित कराया, जिससे भारत की सांस्कृतिक पहचान मजबूत हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारना चाहिए। उनके विचार हमें एक सशक्त, आत्मनिर्भर और गौरवशाली भारत बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने जिस आत्मविश्वास और सकारात्मकता की भावना को जगाया, वह आज के 'न्यू इंडिया' की पहचान बन रही है। यह स्मरण दिलाता है कि कैसे एक व्यक्ति की दूरदर्शिता और समर्पण एक राष्ट्र की चेतना को बदल सकता है और उसे विकास के पथ पर आगे बढ़ा सकता है।

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