img

Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के युवा क्रिकेटर हैदर अली को यूनाइटेड किंगडम में दर्ज बलात्कार के मामले में आधिकारिक तौर पर बरी कर दिया गया है। 24 वर्षीय बल्लेबाज़ पर ब्रिटेन में एक महिला द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। हालांकि, ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस और यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) दोनों ही उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में असफल रहीं।

तीन अगस्त को हुई थी गिरफ्तारी

हैदर अली को 3 अगस्त, 2025 को मैनचेस्टर से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान शाहीन्स की इंग्लैंड यात्रा के दौरान यह गिरफ्तारी एक बड़ी खबर बनी थी। आरोप था कि 23 जुलाई को एक होटल में महिला के साथ जबरदस्ती की गई। शिकायत 4 अगस्त को दर्ज की गई थी।

गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने नियमों के तहत उन्हें निलंबित कर दिया। बोर्ड ने कहा था कि यह निलंबन खिलाड़ी कल्याण और नैतिक संहिता के तहत लिया गया है ताकि जांच निष्पक्ष रूप से हो सके।

CPS ने केस बंद किया, अली निर्दोष घोषित

करीब एक महीने की जांच के बाद CPS ने केस को आगे न बढ़ाने का फैसला किया। रिपोर्ट में साफ कहा गया कि पुलिस के पास ऐसे सबूत नहीं थे जो आरोप को अदालत में टिकाए रख सकें। हैदर अली ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया था और जांच में पूरा सहयोग किया।

कानूनी टीम ने निभाई अहम भूमिका

हैदर अली का केस ब्रिटेन में मशहूर बैरिस्टर मोईन खान ने लड़ा। उन्होंने यकीन दिलाया कि उनके मुवक्किल के सभी अधिकार सुरक्षित रहें। अब जब केस बंद हो चुका है, हैदर अली को पासपोर्ट वापस मिल चुका है और वह पाकिस्तान लौटने के लिए तैयार हैं।

क्या कहता है यह मामला पाकिस्तान क्रिकेट के लिए?

इस मामले ने पाकिस्तान क्रिकेट के लिए एक बड़ी सीख छोड़ी है। PCB की तेज़ कार्रवाई और स्पष्ट नीति ने दिखाया कि बोर्ड गंभीर मामलों में कितनी सख्ती से पेश आता है। साथ ही, हैदर अली की वापसी से यह भी जाहिर होता है कि खिलाड़ी को कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक मौका दिया जाना चाहिए।