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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आयात शुल्क नीति से वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्थिर हो गई है। ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का ऐलान किया है। हालाँकि, ऐसा फैसला लेकर यह बात सामने आई है कि ट्रंप ने खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। इसका खामियाजा डोनाल्ड ट्रंप को नहीं, बल्कि अमेरिकी जनता को भुगतना पड़ेगा। यह दावा खूब किया जा रहा है कि टैरिफ के इस फैसले का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था खतरे में पड़ सकती है। एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप द्वारा लगाए गए इस टैरिफ का असर भारत की तुलना में अमेरिका पर ज्यादा गंभीर हो सकता है।
ट्रंप का टैरिफ जाल
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी "अमेरिका फर्स्ट" नीति के तहत कई देशों को व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल किया है। अब तक, उन्होंने इस तरह 33 देशों के साथ व्यापार समझौते किए हैं। हालाँकि, भारत इस जाल में नहीं फंसा है। हालाँकि ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, लेकिन भारत सरकार का कहना है कि इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। सबसे खराब स्थिति में, जीडीपी में केवल 0.2% की गिरावट आ सकती है।
भारत के विशाल बाजार को छोड़ना अमेरिका के लिए पड़ सकता है महंगा
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत जैसे बड़े बाजार को छोड़ना अमेरिका के लिए एक 'बुरा व्यावसायिक निर्णय' हो सकता है।
उपभोक्ता बाजार: भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है। इसका उपभोक्ता बाजार 2030 तक 46% बढ़ने वाला है। अमेरिका इतना बड़ा बाजार खोने का जोखिम नहीं उठा सकता।
अमेरिकी कंपनियां: भारत में अमेज़न का 32%, एप्पल का 23%, यूट्यूब के 5 अरब उपयोगकर्ता और फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल का एक बड़ा बाजार है। इन कंपनियों को टैरिफ से भी नुकसान हो सकता है।
अमेरिका मंदी और मुद्रास्फीति के खतरे में
एक व्यापारिक नेता के रूप में ट्रम्प का यह फैसला अमेरिका पर उल्टा पड़ सकता है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले से ही मुद्रास्फीति, सुस्त जीडीपी वृद्धि और मंदी का सामना कर रही है।
जीडीपी पर प्रभाव: 2025 की पहली छमाही में अमेरिकी जीडीपी वृद्धि दर केवल 1.3% रही, जो पिछले वर्ष 2.8% थी। टैरिफ से अमेरिका के मंदी की ओर बढ़ने का खतरा है।
मुद्रास्फीति का बोझ: एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ 2026 तक अमेरिकी मुद्रास्फीति को 2% के लक्ष्य से ऊपर रखेंगे। ट्रंप के इस फैसले से अल्पावधि में एक अमेरिकी परिवार का औसत खर्च 2,400 डॉलर (करीब 2,09,287 रुपये) बढ़ जाएगा।
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