
Up Kiran, Digital Desk: ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज जॉश हेजलवुड चोट के बाद वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन उनके इस कमबैक प्लान ने भारतीय फैंस को थोड़ा हैरान कर दिया है। हेजलवुड ने अपनी प्राथमिकताएं बिल्कुल साफ कर दी हैं, और उनकी इस लिस्ट में सबसे ऊपर है इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली प्रतिष्ठित एशेज सीरीज।
और इस 'सबसे बड़ी जंग' की तैयारी के लिए, वह भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ कुछ टी20 मैच छोड़ने को भी तैयार हैं!
क्यों एशेज है इतनी खास: सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के लिए एशेज सिर्फ एक क्रिकेट सीरीज नहीं, बल्कि सम्मान और विरासत की लड़ाई है। यह पांच मैचों की लंबी और थका देने वाली टेस्ट सीरीज होती है, और कोई भी खिलाड़ी इसमें अधूरी फिटनेस के साथ नहीं उतरना चाहता।
हेजलवुड का भी यही मानना है। वह एशेज के लिए खुद को पूरी तरह से फिट और तैयार रखना चाहते हैं।
क्या है हेजलवुड का ‘मास्टर प्लान: चोट से वापसी कर रहे हेजलवुड सीधे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उतरने की जल्दबाजी में नहीं हैं। उन्होंने अपनी फिटनेस और लय को परखने के लिए एक बहुत ही पारंपरिक और कारगर रास्ता चुना है:
घरेलू क्रिकेट में वापसी: हेजलवुड ने फैसला किया है कि वह पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख घरेलू फर्स्ट-क्लास टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में खेलेंगे।
रेड-बॉल प्रैक्टिस: टेस्ट क्रिकेट (रेड-बॉल क्रिकेट) में लंबे-लंबे स्पेल डालने होते हैं और इसके लिए एक अलग तरह की फिटनेस और लय की जरूरत होती है। शेफील्ड शील्ड उन्हें यही प्रैक्टिस देगी, जो टी20 के तेज-तर्रार खेल में नहीं मिल सकती।
भारत के खिलाफ T20 से ब्रेक: अपने शरीर को टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार करने और वर्कलोड मैनेज करने के लिए, यह लगभग तय है कि हेजलवुड भारत के खिलाफ होने वाली T20I सीरीज के कुछ मैचों में हिस्सा नहीं लेंगे।
सीधा संदेश: प्राथमिकताएं तय हैं: हेजलवुड का यह फैसला दिखाता है कि उनके और ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजमेंट के लिए एशेज सीरीज जीतना कितना ज्यादा महत्वपूर्ण है। वे जानते हैं कि एक पूरी तरह से फिट हेजलवुड एशेज में उनका सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकता है, और इसके लिए वे भारत के खिलाफ कुछ टी20 मैचों की 'कुर्बानी' देने को भी तैयार हैं।
यह फैसला प्रोफेशनल क्रिकेट की उस सच्चाई को भी दिखाता है जहां खिलाड़ियों को अपने शरीर और करियर को लंबा खींचने के लिए कड़े फैसले लेने पड़ते हैं। अब देखना यह है कि उनकी यह रणनीति कितनी कामयाब होती है और क्या वह एशेज में अपना वही पुराना जादू बिखेर पाते हैं या नहीं।