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Up Kiran, Digital Desk: रात को सोने से पहले आप क्या-क्या करते हो? फोन साइड टेबल पर रखते हो, पानी की बोतल पास में और हां... एक छोटी सी घड़ी भी! अरे भाई ये घड़ी वाला काम बंद कर दो आज से।

वास्तु शास्त्र हो या फेंगशुई दोनों एक स्वर में चेतावनी दे रहे हैं कि बेड के सिरहाने घड़ी रखना मतलब अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना है। चलो आज बिल्कुल साफ-साफ बताते हैं चार ऐसे खतरनाक कारण जो शायद आपने कभी सोचे भी नहीं।

पहला नुकसान सीधे दिमाग पर पड़ता है।

घड़ी की टिक-टिक आवाज भले ही बंद हो लेकिन उसका होना ही बताता रहता है कि वक्त भाग रहा है। रात को जब आप सो रहे होते हो तब भी अवचेतन मन में एक दबाव बना रहता है कि सुबह जल्दी उठना है, काम निपटाना है, टारगेट पूरे करने हैं। नतीजा? नींद भले ही आ जाए लेकिन गहरी वाली नहीं आती। सुबह उठते ही सिर भारी, चिड़चिड़ापन और थकान।

दूसरी सबसे डरावनी बात है नकारात्मक ऊर्जा।

वास्तु में कहा गया है कि घड़ी लगातार चलने वाली चीज है। ये समय की रफ्तार को दिखाती है। जब आप इसे अपने सिर के ठीक ऊपर या पास में रखते हो तो एक तरह का नेगेटिव एनर्जी फील्ड बन जाता है। रात में शरीर को शांत ऊर्जा मिलनी चाहिए जो अगले दिन के लिए रिचार्ज करे, लेकिन ये घड़ी उस शांति को चुरा लेती है। और अगर घड़ी पुरानी है, रुकी हुई है या टूटी है तो भाई साहब समझो मुसीबत दोगुनी!

तीसरा असर सीधे सेहत पर जाता है

हमारा सिर बहुत सारे एनर्जी सेंटर का घर है। पास में घड़ी रखने से इन सेंटर में खलल पड़ता है। कई वास्तु जानकार तो यहां तक कहते हैं कि लंबे समय तक ऐसा करने से सिर दर्द, बार-बार नींद टूटना, अनिद्रा और यहाँ तक कि पेट की तकलीफ भी शुरू हो सकती है। जो लोग पहले से कमजोर हैं उन्हें तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए ये गलती।

और सबसे आखिरी लेकिन सबसे भारी नुकसान – जिंदगी में रुकावटें।

वास्तु के मुताबिक घड़ी अगर गलत दिशा में हो खासकर उत्तर दिशा में या सिरहाने तो तरक्की रुक जाती है। नौकरी में प्रमोशन अटकता है, बिजनेस में नुकसान, रिश्तों में तनाव। मतलब मेहनत तो पूरी कर रहे हो लेकिन फल नहीं मिल रहा। बस एक छोटी सी घड़ी सारी खुशियां रोक रही है।