Up Kiran, Digital Desk: सर्दियां सिर्फ ठंड और कोहरे का मौसम नहीं होतीं, ये होती हैं यादों की, गर्माहट की और सबसे बढ़कर, स्वादिष्ट खाने की। खासकर सर्दियों की सुबह और गरमागरम नाश्ते का रिश्ता तो बहुत ही खास है। आज भले ही हम नाश्ते में ओट्स या कॉर्नफ्लेक्स खाते हों, लेकिन बचपन की सर्दियों वाली सुबह की बात ही कुछ और थी, जब मां या दादी के हाथ के बने गरमागरम नाश्ते की खुशबू नींद से जगा देती थी।
आइए, यादों के गलियारे में चलते हैं और उन 5 पारंपरिक भारतीय नाश्तों को याद करते हैं, जो आज भी सर्दियों की सुबह को खास बना देते हैं।
1. गर्मागर्म आलू के परांठे, सफेद मक्खन और आम का अचार
सर्दियों का मौसम और आलू के परांठे, यह एक ऐसी जोड़ी है जिसे कोई नहीं तोड़ सकता। रात के बचे हुए आलू की सब्जी हो या ताजे उबले हुए आलू, उन्हें मसालों के साथ मैश करके जब गरमागरम परांठों में भरा जाता था, तो उसकी बात ही अलग थी। ऊपर से घर का बना सफेद मक्खन का बड़ा सा टुकड़ा और साथ में आम का खट्टा-मीठा अचार... इस नाश्ते को खाकर जो तृप्ति मिलती थी, वो आज किसी महंगे ब्रेकफास्ट में भी नहीं मिलती।
2. कुरकुरी जलेबी और गर्मागर्म दूध
यह नाश्ता आज के जमाने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन उत्तर भारत के कई घरों में, खासकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान में, सर्दियों की सुबह का यह सबसे पसंदीदा नाश्ता हुआ करता था। कुरकुरी, चाशनी में डूबी जलेबी को गर्म दूध में डालकर खाने का जो मजा था, वह किसी फाइव स्टार डेजर्ट में भी नहीं है। यह combination शरीर को तुरंत एनर्जी और गर्मी देता है, जो ठंड से बचाने के लिए एकदम परफेक्ट था।
3. मसालेदार पोहा और ऊपर से सेंव
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की गलियों से निकलकर यह नाश्ता पूरे भारत का पसंदीदा बन गया। सर्दियों में जब हरी मटर बाजार में नई-नई आती है, तब पोहा बनाने का मजा दोगुना हो जाता है। हल्के मसालों, प्याज, मूंगफली और हरी मटर के साथ बना पोहा... और ऊपर से खूब सारी कुरकुरी सेंव और नींबू का रस! यह हल्का भी होता है और पेट भी भर देता है। सुबह की गुनगुनी धूप में बैठकर दोस्तों के साथ पोहा खाने की यादें आज भी ताजा हैं।
4. घी में डूबी बाजरे की खिचड़ी और गुड़
यह एक ऐसा पौष्टिक नाश्ता है जो शायद आज की पीढ़ी ने चखा भी नहीं होगा। बाजरा शरीर को गर्म रखने के लिए जाना जाता है, इसलिए सर्दियों के लिए यह एकदम सही है। दाल और चावल के साथ बनी बाजरे की गरमागरम खिचड़ी के ऊपर जब ढेर सारा पिघला हुआ घी डाला जाता था और साथ में गुड़ का एक टुकड़ा होता था, तो लगता था कि स्वर्ग का आनंद मिल गया। यह नाश्ता स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत का खजाना भी है।
5. मीठी और नमकीन मिक्स दाल की पूड़ियां और आलू की सब्जी
सर्दियों में शादियों या त्योहारों के बाद बची हुई दाल फेंकने का तो सवाल ही नहीं उठता था। उसी दाल को आटे में गूंथकर जब छोटी-छोटी, फूली-फूली पूड़ियां बनाई जाती थीं, तो घर का हर कोना उसकी सोंधी-सोंधी महक से भर जाता था। साथ में हींग-जीरे वाली आलू की रसेदार सब्जी! यह नाश्ता पेट और मन, दोनों को खुश कर देता था।
यह वो नाश्ते हैं जो सिर्फ हमारा पेट नहीं भरते थे, बल्कि हमारी यादों का, हमारी संस्कृति का और हमारे बचपन का हिस्सा हैं। तो इस सर्दी, क्यों न पुरानी यादों को फिर से ताजा किया जाए और इनमें से कोई एक नाश्ता बनाकर अपने परिवार को खिलाया जाए?
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