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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली में हवा की गंदगी को नियंत्रित करने के लिए भाजपा सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार उन सभी कारखानों को बंद करने की योजना बना रही है जो वायु प्रदूषण बढ़ा रहे हैं। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को इस घोषणा के साथ बताया कि प्रदूषण फैलाने वाले सभी कारखानों को बिना किसी सूचना के सील कर दिया जाएगा। इसके अलावा अवैध कारखानों को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है, चाहे वे प्रदूषणकारी हों या नहीं।

सिरसा ने सोमवार को एक प्रेस मीटिंग के दौरान कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली और ओसीईएम के लिए आवेदन न करने वाली फैक्ट्रियों के विरुद्ध कड़े कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, "आज से दिल्ली में एक विशाल अभियान शुरू किया जा रहा है, जिन फैक्ट्रियों से प्रदूषण हो रहा है, उनकी पहचान की जा चुकी है। उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बंद कर दिया जाएगा। कोई नोटिस जारी नहीं किया जाएगा, अब कोई और मौका नहीं मिलेगा। पहले ही बहुत मौके दिए गए हैं, इसलिए अब इन फैक्ट्रियों को सील किया जाएगा। जिन उद्योगों ने ओसीईएम के लिए आवेदन नहीं किया है, 31 तारीख को आवेदन की आखिरी तारीख थी, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।"

मंत्री ने कहा कि अवैध उद्योगों के बंद करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। दिल्ली में तीन प्रकार के उद्योग हैं – वैध, नियमित और अवैध। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि अवैध उद्योगों को 100 प्रतिशत बंद किया जाए, चाहे वे प्रदूषण फैलाते हों या न फैलाते हों। इस कारण एमसीडी इन पर भी कार्रवाई कर रही है। इस अभियान के अंतर्गत इन सभी को बंद कर दिया जाएगा। पर्यावरण मंत्री ने वर्क फ्रॉम होम की अनिवार्यता का पालन न करने वाली कंपनियों को भी चेतावनी दी और कहा कि जानकारी मिली है कि कुछ निजी कंपनियां इस निर्देश का पालन नहीं कर रही हैं। उनसे अनुरोध किया गया है कि वे इसे गंभीरता से लागू करें। यदि किसी निजी कंपनी के विरुद्ध शिकायत आएगी तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने यह भी बताया कि अगले कुछ दिनों में मौसम में सुधार की संभावना है, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में भी सुधार होगा। रात के समय सड़कों की सफाई का काम किया जा रहा है। रोजाना 35 हजार मीट्रिक टन कचरा हटाया जा रहा है, जिससे प्रदूषण में कमी आ रही है। दिल्ली को मलबा मुक्त करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें लाखों मीट्रिक टन कचरा और मलबा हटाया गया है। डीडीए और राजस्व विभाग की मदद से जलाशयों को पुनर्जीवित किया जाएगा। इस साल कम से कम 50 प्रतिशत लुप्त जलाशयों को पहले की स्थिति में वापस लाने का लक्ष्य है। यह प्रदूषण को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा।