farmers protest: पंजाब में आज कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित होने की संभावना है, क्योंकि किसान फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अलग अलग मांगों के समर्थन में अपने तीन घंटे के 'रेल रोको' विरोध के तहत पटरियों पर बैठने वाले हैं।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन दोपहर 12 बजे शुरू होगा और राज्य भर के 23 जिलों में अपराह्न 3 बजे समाप्त होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोक दिया गया था।
101 किसानों के एक जत्थे ने 6 दिसंबर, 8 दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने का तीन प्रयास किया। हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में इजाफा नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले मंगलवार को पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि किसान 18 दिसंबर को पंचकूला में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति से नहीं मिल पाएंगे।
समिति का नेतृत्व करने वाले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह को लिखे पत्र में दल्लेवाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के दो मंचों ने फैसला किया है कि वे उनकी चिकित्सा स्थिति और शंभू सीमा पर घायल किसानों की स्थिति के मद्देनजर समिति से नहीं मिल पाएंगे।
13 दिसंबर को सुनवाई में SC ने कहा था कि समिति प्रदर्शनकारी किसानों से बात करेगी और अदालत को सिफारिशें देगी, जिन्हें अंततः निर्णय के लिए हितधारकों के समक्ष रखा जाएगा।
शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए 2 सितंबर को समिति का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ने किसानों को 18 दिसंबर को हरियाणा के पंचकूला में बैठक करने के लिए आमंत्रित किया है।
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