
Up Kiran, Digital Desk: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच दोस्ती के रिश्ते को और गहरा करने के लिए इस हफ्ते एक बड़ी बैठक होने जा रही है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर 8 अक्टूबर को भारत पहुंच रहे हैं, जहां वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच यह अहम बैठक मुंबई में होगी, जिसका मकसद व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी समेत कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाना है।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में होंगे शामिल: प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री स्टार्मर 9 अक्टूबर को मुंबई में आयोजित छठे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में भी हिस्सा लेंगे। इस बड़े वैश्विक मंच पर दोनों नेता मुख्य भाषण देंगे और भारत-यूके के बीच भविष्य की आर्थिक साझेदारी को लेकर उद्योग जगत के बड़े दिग्गजों से चर्चा करेंगे।
किन मुद्दों पर होगी बात: इस मुलाकात का एजेंडा काफी व्यापक है। दोनों नेता द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को मजबूत करने के तरीकों पर विचार करेंगे। इसके अलावा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु और ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने पर भी चर्चा होगी। साथ ही, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
'विजन 2035' पर होगी समीक्षा: दोनों प्रधानमंत्री 'विजन 2035' के तहत हुई प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। आपको बता दें कि 'विजन 2035' भारत और यूके के बीच अगले 10 वर्षों के लिए कार्यक्रमों और पहलों का एक समयबद्ध रोडमैप है। इसी विजन के तहत इस साल 24 जुलाई को पीएम मोदी के लंदन दौरे पर दोनों देशों ने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए थे।
क्या है CETA समझौता और इससे भारत को क्या मिलेगा फायदा?
CETA समझौते का लक्ष्य दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को दोगुना करना है। इस डील की कुछ खास बातें हैं:
जीरो ड्यूटी का फायदा: ब्रिटेन ने भारत के 99.1% सामानों पर जीरो ड्यूटी (शून्य शुल्क) की पेशकश की है। इससे भारतीय कपड़ा, जूते, रत्न और आभूषण, समुद्री भोजन और इंजीनियरिंग के सामानों को ब्रिटेन के बाजार में बड़ी पहुंच मिलेगी।
प्रोफेशनल्स के लिए आसानी: इससे भारत के कुशल पेशेवरों (skilled workers) के लिए ब्रिटेन में काम करना और आना-जाना आसान हो जाएगा।
ब्रिटिश सामान होंगे सस्ते: वहीं, ब्रिटेन में बने मेडिकल उपकरण और एयरोस्पेस पार्ट्स जैसे उत्पाद भारतीय उपभोक्ताओं और उद्योगों के लिए ज्यादा सुलभ और सस्ते हो जाएंगे।
इस समझौते का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है।
विजन 2035 के प्रमुख स्तंभ: यह विजन सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई बड़े लक्ष्य हैं, जैसे:
शिक्षा और कौशल: अगली पीढ़ी के वैश्विक टैलेंट को तैयार करना।
प्रौद्योगिकी और अनुसंधान: भविष्य के टेलीकॉम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करना।
रक्षा और सुरक्षा: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए एक साथ प्रतिबद्धता।
जलवायु साझेदारी: स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन से मिलकर लड़ना।
यह बैठक भारत और ब्रिटेन के संबंधों में एक नए और मजबूत दौर की शुरुआत का प्रतीक मानी जा रही है।