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Up Kiran, Digital Desk: डोनाल्ड ट्रंप अपनी सीधी और अक्सर चौंकाने वाली बातों के लिए जाने जाते हैं। जब वे अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब भी उनके फैसलों ने पूरी दुनिया को हैरान किया था। अब जब वे 2025 में वापसी की तैयारी कर रहे हैं, तो उनकी टीम की बातों से एक बड़ा संकेत मिल रहा है - इस बार उनके एजेंडे के केंद्र में चीन के साथ-साथ एक और देश हो सकता है, और वो है पाकिस्तान।

क्यों बदल रहा है अमेरिका का फोकस?

पहले अमेरिका की विदेश नीति में पाकिस्तान का ज़िक्र अक्सर आतंकवाद या अफगानिस्तान के संदर्भ में ही होता था। लेकिन अब ट्रंप की टीम इसे एक अलग और कहीं ज़्यादा बड़ी नज़र से देख रही है। इसके पीछे कुछ ठोस और गहरी वजहें हैं:

1. अफगानिस्तान का खाली मैदान:जब से अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ा वहां एक खालीपन आ गया है। अमेरिका को डर है कि कहीं अफगानिस्तान फिर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का गढ़ न बन जाए। और इस खेल में पाकिस्तान की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल उसके हितों के खिलाफ न होने दे।

2. चीन का सबसे करीबी दोस्त:यह सबसे बड़ी वजह है। आज के समय में अमेरिका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी चीन है। और पाकिस्तान, चीन का सबसे मज़बूत और भरोसेमंद साथी है (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा इसका सबसे बड़ा सबूत है)। 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर चलने वाले ट्रंप यह अच्छी तरह समझते हैं कि अगर चीन को रोकना है, तो उसके दोस्तों पर भी नज़र रखनी होगी। पाकिस्तान पर फोकस करके अमेरिका, चीन को एक कड़ा संदेश देना चाहता है।

3. परमाणु हथियारों की चिंता:यह एक ऐसी चिंता है जो कभी पुरानी नहीं होती। पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति-संपन्न देश है, और वहां की राजनीतिक अस्थिरता हमेशा दुनिया के लिए एक सिरदर्द रही है। अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार कभी भी गलत हाथों में न पड़ें।

इसका मतलब क्या है?ट्रंप की नीति हमेशा से 'लेन-देन' वाली रही है - 'आप हमारे लिए क्या करोगे, तो हम आपके लिए क्या करेंगे'। इसका मतलब साफ़ है:

पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा कि वह आतंकवाद और चीन के मामले में ज़्यादा पारदर्शी रहे।

उसे दी जाने वाली आर्थिक मदद और छूट अब शर्तों के साथ आएगी।

यह भारत के लिए भी एक दिलचस्प स्थिति हो सकती है। ट्रंप प्रशासन का झुकाव भारत की ओर ज़्यादा रहा है। ऐसे में अगर अमेरिका, पाकिस्तान पर सख़्ती करता , तो यह दक्षिण एशिया में शक्ति के संतुलन को एक नया मोड़ दे सकता,