Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान के साथ एक 'बड़े' व्यापार समझौते की घोषणा की है, जिसने वैश्विक व्यापार जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस घोषणा की सबसे खास बात यह है कि समझौते के बावजूद, जापान से आयातित कुछ खास वस्तुओं पर 15 प्रतिशत जवाबी (reciprocal) टैरिफ बरकरार रखे जाएंगे।
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह कदम 'अमेरिका फर्स्ट' की उनकी नीति के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों और नौकरियों की सुरक्षा करना है। उन्होंने हमेशा से व्यापार समझौतों में अमेरिकी हितों को सर्वोपरि रखने पर जोर दिया है। उनका तर्क है कि यह जवाबी टैरिफ अमेरिका के लिए निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करेगा और जापानी आयात पर एक समान प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाएगा।
यह समझौता अमेरिका और जापान के बीच आर्थिक संबंधों को नया आयाम देगा, जो दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। ट्रंप के अनुसार, यह डील अमेरिकी किसानों, मैन्युफैक्चरर्स और सेवा प्रदाताओं के लिए नए अवसर खोलेगी। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इन टैरिफ का जापान की अर्थव्यवस्था और उसके निर्यात पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव होगा, यह अभी देखना बाकी है।
यह घोषणा ट्रंप के व्यापार दृष्टिकोण का एक मजबूत संकेत है, जो यह दर्शाता है कि भविष्य में भी वे व्यापारिक समझौतों में कड़ा रुख अपना सकते हैं और अपने देश के उद्योगों को प्राथमिकता दे सकते हैं। यह कदम वैश्विक व्यापार नीतियों और द्विपक्षीय समझौतों के बदलते स्वरूप का एक और उदाहरण प्रस्तुत करता है।


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