Up Kiran, Digital Desk: भारत की तेलशोधक कंपनियाँ लंबे समय से रूस से कच्चा तेल खरीदती आ रही थीं। यह एक सामान्य व्यापारिक चलन था। लेकिन अमेरिकी प्रशासन को यह बात गवारा नहीं हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सीधा मानना था कि रूस इस तेल से होने वाली कमाई का इस्तेमाल यूक्रेन के ख़िलाफ़ चल रहे युद्ध में कर रहा है।
इसी कारण अमेरिका ने भारत पर टैरिफ यानी शुल्क बढ़ा दिए। नतीजतन भारत ने धीरे-धीरे रूस से कच्चे तेल का आयात कम करना शुरू कर दिया।
भारत के लिए यह एक मुश्किल घड़ी थी जब मिडिल ईस्ट यानी मध्य पूर्व के मुस्लिम देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। उन्होंने भारत को कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ाने का फ़ैसला किया है। यह एक बड़ा कूटनीतिक और व्यापारिक घटनाक्रम है।
क्या है ताज़ा अपडेट?
मंगलवार को चार भारतीय रिफाइनरियों के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। मिडिल ईस्ट के प्रमुख तेल उत्पादक देश सऊदी अरब, इराक और कुवैत ने दिसंबर के महीने में भारत को तेल की आपूर्ति बढ़ाने का निर्णय लिया है।
यह पहल ऐसे समय में हुई है जब भारतीय रिफाइनरियों को रूसी तेल का विकल्प तलाशना पड़ रहा था। दरअसल पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के कारण भारतीय तेलशोधन कंपनियाँ रूस से तेल खरीदना बंद कर रही हैं।
इससे ओपेक (OPEC) उत्पादक देशों को एक बड़ा फ़ायदा हुआ है। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक देश यानी भारतीय बाज़ार में उनकी हिस्सेदारी तेज़ी से बढ़ रही है।
पश्चिमी देशों के प्रतिबंध का असर
याद होगा पिछले महीने ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और अमेरिका ने रूस की शीर्ष तेल उत्पादक कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इस बैन के बाद भारत और चीन के खरीदारों के लिए समस्या खड़ी हो गई थी।
सूत्रों ने बताया कि भारत की रिफाइनरियों को दो सबसे बड़े ओपेक उत्पादकों से उनकी माँग के अनुसार तेल का पूरा आवंटन मिला है। जानकारी यह भी है कि कम से कम एक रिफाइनरी को तो इराक से पिछले महीने की तुलना में इस बार ज़्यादा मासिक आपूर्ति प्राप्त होगी।
सऊदी और कुवैत से भी बढ़ी आपूर्ति
एक अन्य सूत्र ने बताया कि सऊदी अरामको ने भी एक भारतीय रिफाइनर को आपूर्ति बढ़ा दी है। हालाँकि सऊदी अरामको ने इस पर टिप्पणी करने से साफ़ मना कर दिया। इराक की सरकारी तेल विपणन कंपनी सोमो ने भी तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।
दो और सूत्रों के अनुसार कुवैत पेट्रोलियम भी नवंबर और दिसंबर में भारतीय रिफाइनरों को पहले से ज़्यादा कच्चे तेल की आपूर्ति कर रहा है।
एक रिफाइनिंग सूत्र ने खुलासा किया कि मध्य पूर्वी आपूर्तिकर्ताओं के पास तेल का प्रचुर भंडार है और वे भारत को उस तक पहुँच भी प्रदान कर रहे हैं।
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