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अमेरिका द्वारा नए टैरिफ की घोषणाओं के बाद वैश्विक बाजारों में हलचल तेज हो गई है। इस आर्थिक दबाव के माहौल के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से वाशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में मुलाकात की। इस अहम बैठक के दौरान ट्रंप ने व्यापार नीति को लेकर कई स्पष्ट बयान दिए, जिसमें टैरिफ नीति, चीन के साथ संबंध और वैश्विक व्यापार संतुलन जैसे मुद्दे शामिल थे।

टैरिफ पर रोक से इनकार, निष्पक्ष सौदे की बात दोहराई

बैठक में ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका टैरिफ पर कोई रोक लगाने का विचार नहीं कर रहा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अमेरिका की प्राथमिकता निष्पक्ष और संतुलित व्यापार सौदों की है। ट्रंप ने कहा, “हमारे पास कई देश हैं जो हमारे साथ निष्पक्ष व्यापार करने वाले हैं। कुछ मामलों में वे पर्याप्त टैरिफ का भुगतान करेंगे। ये सौदे हमारे हितों को ध्यान में रखकर किए जाएंगे।”

चीन को फिर मिली कड़ी चेतावनी

चीन के साथ लंबे समय से चल रहे व्यापार विवाद को लेकर भी ट्रंप ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चीन तय समय सीमा के भीतर मौजूदा टैरिफ नहीं हटाता, तो अमेरिका उस पर और 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा सकता है। ट्रंप ने कहा, “चीन वह देश है जो अमेरिका की वजह से आर्थिक रूप से ताकतवर बना, लेकिन अब समय आ गया है कि वह भी जिम्मेदारी दिखाए।”

अमेरिकी कर्ज और व्यापार घाटे की चिंता

ट्रंप ने अमेरिका पर बढ़ते कर्ज की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका वर्तमान में 36 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज में डूबा हुआ है और यह स्थिति चीन और अन्य देशों के साथ व्यापार असंतुलन के कारण बनी है। उनके अनुसार, अब समय आ गया है कि अमेरिका ऐसी नीतियां अपनाए जो उसे आर्थिक रूप से मजबूत करें।

शी जिनपिंग से रिश्तों का ज़िक्र, लेकिन सख्त लहजा

ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं, लेकिन व्यापार के मामले में चीन को अब नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा, “मैं चीन का सम्मान करता हूं, लेकिन अब वह पुराने तरीके से काम नहीं कर सकते। हम बस एक ही बार प्रयास करेंगे, और अगर यह काम नहीं करता, तो आगे कोई दूसरा राष्ट्रपति इस मुद्दे को नहीं उठाएगा।”

स्थायी टैरिफ और बातचीत दोनों पर खुला रुख

जब उनसे पूछा गया कि क्या टैरिफ स्थायी होंगे या इन पर बातचीत की संभावना है, तो ट्रंप ने कहा कि दोनों बातें संभव हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका हर देश से निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार समझौता चाहता है, लेकिन अगर किसी देश से ऐसी शर्तों पर सहमति नहीं बनती, तो अमेरिका उससे अपने रिश्ते सीमित कर लेगा।

ट्रंप ने दो टूक कहा, “हम किसी भी देश के साथ तभी व्यापार करेंगे जब सौदा हमारे लिए निष्पक्ष और फायदेमंद होगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमारे पास विकल्प है कि हम उस देश से दूरी बना लें।”