
Up Kiran, Digital Desk: ब्राजील में चल रहे G20 शिखर सम्मेलन के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा संघर्ष को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित शांति योजना का स्वागत करते हुए इसे स्थायी शांति की दिशा में एक "व्यावहारिक रास्ता" बताया है। यह पहली बार है जब भारत ने गाजा मुद्दे पर किसी ठोस योजना का इस तरह खुलकर समर्थन किया है, जिससे दुनिया भर के राजनयिक गलियारों में नई चर्चा शुरू हो गई है।
G20 नेताओं को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने गाजा में चल रहे मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी को एक साथ आने की जरूरत है।
"उम्मीद है सब शांति के लिए साथ आएंगे"
पीएम मोदी ने कहा, "भारत हमेशा से दो-राज्य समाधान का पक्षधर रहा है, जहां इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों सुरक्षित सीमाओं के भीतर शांति से रह सकें।" उन्होंने आगे कहा, "पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का प्रस्ताव स्थायी शांति की दिशा में एक व्यावहारिक रास्ता दिखाता है। हमें उम्मीद है कि इस संघर्ष को समाप्त करने और क्षेत्र में शांति सुरक्षित करने के लिए सभी पक्ष एक साथ आएंगे।"
पीएम मोदी ने यह भी याद दिलाया कि भारत ने हमेशा फिलिस्तीनी लोगों की मदद की है और गाजा के लिए मानवीय सहायता भेजी है, और यह सहायता आगे भी जारी रहेगी।
क्यों खास है भारत का यह रुख?
डोनाल्ड ट्रंप के इस शांति प्रस्ताव की पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें संघर्ष विराम से लेकर भविष्य में शांति बनाए रखने तक का एक पूरा रोडमैप शामिल है। भारत का इस प्रस्ताव को समर्थन देना कई मायनों में अहम है:
सक्रिय भूमिका: यह दिखाता है कि भारत अब इस वैश्विक संकट में सिर्फ एक दर्शक नहीं, बल्कि समाधान का हिस्सा बनने की इच्छा रखता है।
गुटों से अलग: भारत ने किसी एक पक्ष का साथ न देकर, शांति के एक व्यावहारिक प्रस्ताव का समर्थन किया है।
वैश्विक मंच का सही उपयोग: पीएम मोदी ने G20 जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच का इस्तेमाल इस गंभीर मुद्दे पर भारत का स्पष्ट दृष्टिकोण रखने के लिए किया है।
अब दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह नया शांति प्रस्ताव दशकों से चल रहे इस जटिल संघर्ष को खत्म करने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित होगा।