
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा संभावित तैनाती के आदेश की तैयारी के बीच, वॉशिंगटन डीसी में जल्द ही सैकड़ों नेशनल गार्ड सैनिकों का आगमन हो सकता है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को रॉयटर्स को यह जानकारी दी। हालांकि, इस कदम के लिए राष्ट्रपति से अंतिम हरी झंडी का इंतजार है। यह संभावित तैनाती राजधानी की सुरक्षा और बेघर आबादी के प्रबंधन से जुड़े एक जटिल मुद्दे पर केंद्रित है, जिसने हाल के दिनों में राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है।
नेशनल गार्ड की भूमिका पर संशय: सुरक्षा या प्रशासनिक सहायता?
एक अधिकारी के अनुसार, नेशनल गार्ड सदस्यों के सटीक मिशन पर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। उन्हें संघीय एजेंटों की सुरक्षा का कार्य सौंपा जा सकता है, या फिर स्थानीय पुलिस को अग्रिम पंक्ति की जिम्मेदारियों से मुक्त करने के लिए प्रशासनिक कार्य करने के लिए तैनात किया जा सकता है। यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी भूमिका प्रत्यक्ष रूप से बेघर आबादी से निपटने की होगी या कानून प्रवर्तन की मदद करने की।
ट्रम्प का 'बेघर आबादी' पर कड़ा रुख: 'तुरंत हटाओ, दूर रखो!'
यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब ट्रम्प ने रविवार को कहा था कि बेघर लोगों को वॉशिंगटन से 'बहुत दूर' स्थानांतरित किया जाना चाहिए। पिछले कुछ दिनों से, वह अमेरिकी राजधानी पर संघीय नियंत्रण लेने और यह झूठा सुझाव देने की बात कर रहे थे कि वहां अपराध बढ़ रहा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट किया, "बेघर लोगों को तुरंत हटना होगा। हम आपको रहने के लिए जगह देंगे, लेकिन राजधानी से बहुत दूर। अपराधियों को हटने की जरूरत नहीं है। हम उन्हें जेल में डालेंगे जहां वे हैं।"
सुरक्षा और राजनीतिक दांव-पेंच:राष्ट्रपति ट्रम्प का यह बयान नेशनल गार्ड की संभावित तैनाती और बेघर आबादी के मुद्दे पर चल रही चर्चाओं को और हवा दे रहा है। आलोचकों का कहना है कि यह कदम मानवाधिकारों का उल्लंघन कर सकता है और बेघर लोगों की समस्याओं को हल करने के बजाय उन्हें और हाशिए पर धकेल सकता है। वहीं, ट्रम्प के समर्थक इसे शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक आवश्यक कदम बता रहे हैं।
सैन्य तैयारियों का महत्व:हालांकि अंतिम निर्णय राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा लिया जाना है, लेकिन नेशनल गार्ड की शुरुआती तैनाती की तैयारियां यह संकेत देती हैं कि प्रशासन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रहा है। यह राष्ट्रपति के कानून और व्यवस्था के प्रति कड़े रुख को भी दर्शाता है। इस घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, क्योंकि यह अमेरिकी राजनीति, शहरी प्रबंधन और नागरिक स्वतंत्रता के बीच के जटिल संबंधों को उजागर करता है।
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