mob lynching: मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक चौंकाने वाली घटना उजागर हुई, जहां गलत पहचान के कारण दो व्यक्तियों के खिलाफ हिंसा हुई।
12 सितंबर को हाटपिपल्या पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में स्थित देवगढ़ गांव के निवासियों ने साधुओं के वेश में भीख मांग रहे दो लोगों पर हमला कर दिया। हमलावरों को शक था कि भिखारी रोहिंग्या मुसलमान हैं, इसलिए उन्होंने उन पर हमला कर दिया। हमले का एक वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर वायराल किया गया जिससे हालता और बिगड़ गए।
वायरल वीडियो में क्या
वायरल वीडियो के सामने आने पर स्थानीय अफसरों ने आनन फानन कार्रवाई की। पुलिस ने हस्तक्षेप किया और पूछताछ के लिए दो लोगों को हिरासत में लिया। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि रोहित और दीपक नाम के ये लोग वास्तव में रोहिंग्या मुसलमान नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के हिंदू थे। अमेठी के रहने वाले और फिलहाल इंदौर में रहने वाले इन लोगों ने स्पष्ट किया कि वे जोगी समुदाय से हैं, जो गांवों में घूम-घूम कर भीख मांगने के लिए जाना जाता है।
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि रोहित और दीपक के दावे वैध थे। उन्होंने अपने आधार कार्ड दिखाए। पुलिस ने उनकी पहचान की प्रामाणिकता की पुष्टि की और कोई भी संदिग्ध गतिविधि या व्यवहार का संकेत देने वाला कोई सबूत नहीं पाया।
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